राजस्थान के अजमेर जिले में एक गैंगरेप पीड़िता के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। 12वीं कक्षा की इस रेप पीड़िता का आरोप है कि उसे स्कूल ने बोर्ड की परीक्षा नहीं देने दी। वारदात के बाद जब वह स्कूल गई तो उसे यह कहा गया कि आप स्कूल आना रहने दीजिए माहौल खराब हो जाएगा। पीड़िता ने अब इस मामले को लेकर अब जिला बाल कल्याण समिति के सामने इंसाफ की गुहार लगाई है। उसके बाद अब समिति हरकत में आई है। बाल कल्याण समिति इस मसले को लेकर शिक्षा विभाग और प्रशासन को पत्र लिखकर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
मामले की जानकारी देते हुए जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजलि शर्मा ने बताया कि पीड़िता गेगल थाना इलाके की रहने वाली है। वह एक निजी स्कूल में पढ़ती है। पीड़िता उनके पास आई और उसने बताया कि बीते 18 अक्टूबर को उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था। इसमें उसका चाचा और दो अन्य लोग शामिल थे। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम भी दिया था।
12th बोर्ड का फॉर्म और फीस भी जमा कर दिया था
पीड़िता का आरोप है कि उसके बाद जब वह स्कूल गई तो वहां उसे माहौल खराब होने का हवाला देते हुए वापस घर भेज दिया गया। इस दौरान उसे कहा गया कि उसे फोन करके बुला लिया जाएगा। लेकिन उसे नहीं बुलाया गया। उसके बाद जब वह बोर्ड परीक्षा को लेकर स्कूल गई तो पता चला कि उसका नाम काट दिया गया है। जबकि उसने अक्टूबर 2023 तक की फीस और 12th बोर्ड का फॉर्म और फीस भी जमा कर दिया था।
जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है
पीड़िता का कहना है कि उसके बाद स्कूल नहीं गई तो उसे बिना बताए उसका नाम काट दिया गया और परीक्षा से वंचित कर दिया गया। समिति की अध्यक्ष ने कहा कि नाबालिग बच्ची ने पहले शारीरिक रूप से याताएं सहन की। अब फिर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। यह स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है। उसका यह गैर जिम्मेदाराना रवैया आपराधिक श्रेणी में आता है। किसी भी पीड़िता को शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने इसे लेकर जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है।
स्कूल के खिलाफ एक्शन को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है
उन्होंने बताया कि स्कूल के खिलाफ एक्शन को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही पीड़िता से भी बात की गई है। वह पढ़ना चाहती है। ऐसे में उसकी शिक्षा पूरी करवाने की कार्रवाई की जा रही है। उसको पूरक परीक्षा या फिर स्टेट ओपन से परीक्षा दिलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं उसे विधिक सेवा प्राधिकरण से भी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।