सत्ता का भय दिखाकर पंचायत प्रतिनिधियों को दबाव में लेकर भाजपा उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह के पक्ष मतदान करने के लिए परियोजना निदेशक आर सी शर्मा पंचायत प्रतिनिधियों के साथ कर रहे हैं,बैठक
सत्ताधारी दल भाजपा उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह के पक्ष में जिला प्रशासन सहित डेवलपमेंट अफसरों ने चुनाव में मतदान करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों पर दबाव डालने का निर्दलीय उम्मीदवार डॉ के एन ओझा ने लगाया आरोप…
प्रतापगढ़। एमएलसी पद के प्रत्याशी डॉ के एन ओझा ने ब्लाक अफसरों पर गंभीर आरोप लगाकर समूचे निर्वाचन ब्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा किया है। मतदान में अभी दो दिन बाकी है। एमएलसी चुनाव में कुल छः उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। जनपद प्रतापगढ़ में एमएलसी का चुनाव दिलचस्प है, परन्तु मतदान जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सत्ताधारी दल भाजपा के उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह सत्तापक्ष का बेजा लाभ उठाते हुए जिला प्रशासन एवं विकास भवन से लेकर ब्लॉक मुख्यालय पर तैनात अधिकारियों को सत्ता का भय दिखाकर पंचायत प्रतिनिधियों को दबाव में देकर भाजपा उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह के पक्ष मतदान करने के लिए कहा जा रहा है। एमएलसी चुनाव में धनबल और बाहुबल के साथ-साथ सत्ता का दबाव जिस चुनाव में हो, फिर भी उस चुनाव को चुनाव आयोग और जिला प्रशासन निष्पक्ष लोकतंत्र की जीत बता रहा है और जमकर वाहवाही लूट रहा है।
निर्दलीय उम्मीदवार डॉ के एन ओझा ने निर्वाचन आयोग को भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन की निष्क्रियता की वजह से सत्ताधारी दल भाजपा के उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह को चुनाव में जीत दिलाने के लिए सदर ब्लाक के समीप विकास भवन के आगे बने सरकारी आवास पर परियोजना निदेशक (पीडी) आरसी शर्मा ने उनके पक्ष में पंचायत प्रतिनिधियों को प्रलोभन देकर समर्थन मांगा है।निर्दलीय उम्मीदवार डॉ के एन ओझा की बातों पर विश्वास किया जाए तो पीडी आर सी शर्मा के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में भाजपा उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह भी पहुँचे थे। निर्दलीय उम्मीदवार डॉ के एन ओझा ने आरोप लगाया है कि बीडीओ तथा एडीओ पंचायत के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों पर भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए बराबर दबाव बनाया जा रहा है। डॉ के एन ओझा ने कहा कि विकास भवन में बैठने वाले मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं परियोजना निदेशक सहित ब्लॉक अफसरों ने अपनी कार्य शैली में सुधार न लाये तो समर्थकों संग सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे।