दाऊद इब्राहिम की पुश्तैनी हवेली पर सनातन की पाठशाला, आज हो रही है 4 संपत्तियों की नीलामी
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के 4 ज़मीनों की आज नीलामी हो रही है। ये नीलामी आज साफेमा दफ़्तर में होनी है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि कुल कितने लोगों ने नीलामी के लिए नाम रजिस्टर कराया है। हैरानी की बात ये है कि दाऊद के रत्नीगिरी जिले के इन चार खेतों की रिजर्व कीमत सिर्फ 19 लाख 21 हज़ार रुपये रखी गई है। दिल्ली के एक वकील जिन्होंने साल-2020 में भी दाऊद की पुश्तैनी हवेली बोली में जीती थी, वो भी आज की नीलामी में हिस्सा लेने वाले हैं। पेशे से वकील अजय श्रीवास्तव ने बताया है कि उन्होंने साल-2020 में जो हवेली बोली में जीती थी, उसमें वे सनातन पाठशाला शुरू करने वाले हैं।
सभी खेतों की कुल कीमत 19,21,760 रुपये रखी गई…
बता दें कि अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम भले फरार हैं, लेकिन उसकी पुश्तैनी जमीन अब भी महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के मुंबके गांव में है। साफेमा यानी (Smugglers and Foreign Exchange Manipulator act) के तहत अब दाऊद के 4 खेतों की नीलामी रखी गई है, लेकिन सभी खेतों की जो कुल कीमत रिजर्व रखी गई है वो है मात्र 19,21,760 रुपये है। वैसे दाऊद इब्राहिम की इसके पहले मुंबई की भी कई प्रॉपर्टी नीलाम की गई हैं। कुछ बिक चुकी हैं, कुछ कानूनी पचड़े में फंसी हैं।
एस बालाकृष्णन बोले- सरकार से नहीं मिली मदद…
फ्री प्रेस जर्नल के डेप्युटी एडिटर एस बालाकृष्णन ने कहा कि ये बहुत हास्यास्पद बात है कि 19 लाख रुपये दाऊद के लिए कुछ मायने नहीं रखते। ऐसे प्रोपर्टी की नीलामी पर सरकार का पैसा बर्बाद होता है। सरकार को ये सब करने की जरूरत क्या है। सरकार के पास पावर है, उसकी जितनी भी प्रोपर्टी है, उसे लेने की। बालाकृष्णन वो शख्स हैं जो एक बार भिंडी बाजार में दाऊद के होटल रौनक अफरोज की बोली जीत चुके थे, लेकिन समय रहते वो पूरा पैसा जमा नहीं करा पाए थे। बालाकृष्णन का कहना है उन्होंने दाऊद की दहशत खत्म करने के लिए वो कदम उठाया था। अपनी जान भी जोखिम में डाली थी, लेकिन सरकार ने पैसा जमा करने के लिए समय बढ़ाकर नहीं दिया। मैं किसी भी हालत में 4 करोड़ जमा कर देने वाला था क्योंकि मुझे जनता का इतना सपोर्ट था। सब लोग बोले हम आपकी मदद करेंगे, लेकिन सिर्फ तीन हफ्ते मेरे पास थे। बीच में क्रिसमस की छुट्टी थी। मैंने सरकार से विनती की कि साफ़ेमा एक्ट के तहत आप मुझे एक्सटेंशन दे सकते है। मुझे सिर्फ एक महीने का और समय चाहिए. मैं पूरा पैसा भरूंगा लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई।
23 साल से लड़ रहा हूं कोर्ट केस…
एस बालाकृष्णन भले इस नीलामी को सिर्फ एक तमाशा मान रहे हैं, लेकिन दिल्ली के वकील अजय श्रीवास्तव इस बार भी नीलामी में हिस्सा लेने वाले हैं। अजय श्रीवास्तव इसके पहले मुंबके गांव में दाऊद इब्राहिम की पुश्तैनी हवेली भी बोली में जीत चुके हैं। अजय श्रीवास्तव ने बताया कि वो उस हवेली में सनातन पाठशाला शुरू करने वाले हैं। अजय श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि साल-2001 में जो नीलामी हुई थी, उसे इनकम टैक्स विभाग ने की थी। इसमें कमी ये थी उन्होंने प्रोपर्टी का पोजेशन ऑफर नहीं किया था। उसके लिए मैं आज भी कोर्ट में केस लड़ रहा हूं। साल-2001 से साल-2024 यानी 23 साल से मैं मुकदमा लड़ रहा हूं। दो केस जीत चुका हूं और अब हाईकोर्ट में लड़ रहा हूं। दाऊद के बाद उनकी बहन हसीना ये सब देखती थीं, वो भी नहीं रहीं। अब उनके बच्चे केस लड़ रहे हैं। देखते हैं कि इसे सॉल्व होने में कितना टाइम लगता है।
दाऊद के पुश्तैनी बंगले में सनातन धर्म की पाठशाला…
अजय श्रीवास्तव ने आगे कहा कि जैसे आज साफेमा के जरिए नीलामी कर पोजेशन दे रहे हैं, उस समय भी यही होना चाहिए था। उसमें पोजेशन साथ ही दी जा सकती है। मैंने साल-2020 में दाऊद इब्राहिम का रत्नागिरी वाला बंगला नीलामी में लिया था। अब वहां सनातन धर्म पाठशाला काम करेगी। मैंने इसके लिए सनातन धर्म पाठशाला ट्रस्ट की स्थापना की है। इस ट्रस्ट के तहत एजुकेशन संस्था बना चुका हूं। जल्दी ही वहां कंस्ट्रक्शन का काम शुरू होगा. साफेमा से इसमें तकनीकी गलती हुई थी, नीलामी के समय उसका हाउस नंबर गलत लिख दिया वही सेल डीड में लिख दिया। जब रजिस्ट्री के लिए गया, वहां रुकना पड़ा क्योंकि हाउस नंबर गलत था। अब उन्होंने कहा कि आप आ जाइए, हमने इसे ठीक कर दिया। अब डीड रजिस्ट्रर होने के बाद काम शुरू करूंगा।
लोगों के दिल से दाऊद इब्राहिम का डर निकालना चाहता हूं…
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि मैं लोगों के दिल से दाऊद इब्राहिम का डर निकालना चाहता था। वो भागा हुआ आतंकी है। हम जैसे 10 लोग उसके सामने खड़े होंगे तो उसका डर खत्म होगा। मेरे रास्ते पर चलते हुए कई लोग सामने आए। इस बार और ज्यादा लोग सामने आने चाहिए। यही उम्मीद कर रहा हूं।