गंभीर धाराओं में आरोपित शिक्षक नेता के बचाव में उतरा माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) एवम् प्राथमिक शिक्षक संघ (दिनेश शर्मा गुट)
जिला बेसिक शिक्षक अधिकारी पर तमाम फर्जी आरोप लगाकर माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट और प्राथमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैं, जिससे कि महिला शिक्षिका को न्याय न मिल सके…
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के संविलियन विद्यालय आरिफपुर नवादा विकास क्षेत्र जगत के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार शर्मा पर उसी विद्यालय में शिक्षिका रहीं शिवानी सिंह ने भारतीय अपराध संहिता की धारा- 354, 504, 506, 509 एवम् अनुसूचित जाति एवम् अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 (संशोधन 2015) की धारा 3(2)(va) के तहत दिनांक- 03 अगस्त, 2022 को मुकदमा दर्ज कराया था। गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आज तक शिक्षक नेता संजीव कुमार शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हुई है। शिक्षक नेता ने उच्च न्यायालय की शरण लिया है, परंतु गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय से कोई भी रोक नहीं लगी है। जबकि एससी/एसटी एक्ट में प्रभावशाली लोग जांच प्रभावित न कर सकें, इसलिए सर्वप्रथम बगैर जांच के गिरफ्तारी का प्राविधान है।
मुकदमा पंजीकृत होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बदायूं स्वाती भारती ने शिक्षक नेता को निलंबित कर दिया था, परंतु गिरफ्तारी न होने के कारण व दबाव में शिक्षक नेता को बहाल कर दिया था। दिनांक- 04 सितंबर, 2023 को प्राथमिक शिक्षक संघ के एक गुट के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के प्रांगण में बगैर अनुमति के एक दिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया और जब ज्ञापन लेने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाती भारती शिक्षकों के बीच पहुंचीं तो शिक्षक की मर्यादा को तार-तार करते हुए दिनेश चंद्र शर्मा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपमानित किया और कहा कि हिम्मत हो तो दुबारा मेरे जिला अध्यक्ष संजीव कुमार शर्मा को निलंबित करो।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय की जांच की और तमाम कमियां मिली तथा कर्मचारी आचरण के उलंघन समेत तमाम आरोपों में संजीव कुमार शर्मा को दुबारा निलंबित कर दिया। निलंबित शिक्षक के पक्ष में दिनांक- 20 सितंबर, 2023 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के प्रांगण में माध्यमिक शिक्षक संघ के शर्मा गुट के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुरेश त्रिपाठी एवं एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी ने धरना देने का निर्णय लिया है। दूसरी तरफ शिक्षिका शिवानी सिंह न्याय की आस में अनुसूचित जाति जनजाति आयोग समेत हर जगह खुद को न्याय दिलाये जाने की गुहार लगा रही हैं। इसके पूर्व भी विवादित शिक्षक नेता निलंबित हो चुका है।
आरोपी शिक्षक नेता जो कि प्राथमिक शिक्षक संघ के एक गुट का जिला अध्यक्ष भी है। उसे बचाने के लिए जिला बेसिक शिक्षक अधिकारी पर तमाम फर्जी आरोप लगाकर माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट और प्राथमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैं, जिससे कि महिला शिक्षिका को न्याय न मिल सके। इसी क्रम में दिनांक- 20 सितंबर, 2023 को धरना देने का भी ऐलान किया गया है। अब देखना होगा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद जो कि प्राथमिक और माध्यमिक दोनों विभाग के मुखिया हैं, क्या निर्णय लेते हैं। यक्ष प्रश्न यह है कि संगठन के पदाधिकारी क्या संगठन में इसीलिये पदाधिकारी बनते हैं कि वो अपने मामले में अपने पद का बेजा इस्तेमाल करें। अपने ही शिक्षक का शोषण करें।