लखनऊ सचिवालय के अंदर चल रहे फर्जी नौकरी रैकेट का एसटीएफ ने किया भंडाफोड़, सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित तौर पर लाखों की ठगी करने का आरोप
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों युवकों से कथित तौर पर लाखों की ठगी करने के आरोप में यूपी सचिवालय के एक कर्मचारी और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। यूपी पुलिस ने मंगलवार को मीडिया को इस मामले की जानकारी दी है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सचिवालय कर्मचारी विजय कुमार मंडल और उसके दो साथी धर्म वीर सिंह उर्फ अजय सिंह और आकाश कुमार के रूप में हुई है। एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) दीपक कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा- कुछ साल पहले एक वीवीआईपी गेस्ट हाउस में विजय कुमार मंडल ने इस गोरखधंधे की योजना बनाई थी। पुलिस के मुताबिक विजय कुमार मंडल कर्ज में डूबा हुआ था। उसपर लगभग 40 लाख रुपये की देनदारी थी। एक दिन अजय सिंह ने उसे ये ठगी की योजना बताई और पैसो के लालच में विजय कुमार मंडल उसकी जाल में फंस गया।
डीएसपी दीपक कुमार सिंह के मुताबिक आकाश कुमार फर्जी साक्षात्कार के लिए अलग-अलग बैचों में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को लाकर आता था और फिर सचिवालय के अंदर विजय कुमार मंडल द्वारा इंटरव्यू आयोजित किया जाता था। बाद में जाली भर्ती पत्र और पहचान पत्र तैयार किए जाते और जब युवक पैसे दे देते तो ये लोग पैसे लेकर गायब हो जाते। तीनों आरोपियों ने कभी भी किसी को अपनी असली पहचान नहीं बताई, जिससे पीड़ित उनतक पहुंच सकें। एसटीएफ ने आरोपी के पास से ‘सहायक समीक्षा अधिकारियों’ के आठ जाली भर्ती पत्र और फर्जी पहचान पत्र के अलावा 22 नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के शैक्षिक दस्तावेज बरामद किए हैं।