यूपी में भ्रष्ट और गैर जिम्मेदार नौकरशाही की जन्म कुंडली बन चुकी है, होगी इस बार उनकी होगी अग्नि परीक्षा, दर्जनों दागी नौकरशाह होंगे पैदल
उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों का दौरा कर लौटे यूपी के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने ग्राउंड रिपोर्ट रख दी है। इन रिपोर्ट्स में करीब 35 जिलों के अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही और खामियां सामने आई हैं। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों पर अब बड़ा एक्शन हो सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि मंत्री समूहों की रिपोर्ट, नोडल अधिकारियों को दी जाएगी और इसके आधार पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। मंत्रियों ने सभी 75 जिलों की रिपोर्ट सीएम को सौंपी सीएम ने कहा कि सरकार जनता की अपेक्षा के अनुरूप काम करेगी तो सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या अब सीएम की कार्रवाई रूपी ‘बुल्डोजर’ ब्यूरोक्रेसी पर भी चलेगा ?
यूपी के सभी मंत्रियों ने सूबे के सभी 75 जिलों की रिपोर्ट सीएम को सौंपी दी है कैबिनेट बैठक में भी मंत्रियों ने अपनी आकलन रिपोर्ट को कर रखा था। रिपोर्ट में स्थानीय अधिकारियों और ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही की भी बात कही गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम ने नोडल अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी है। मंत्रियों द्वारा सभी 75 जिलों की रिपोर्ट को भी अलग-अलग नोडल अधिकारियों को सौंपा जाएगा। तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों की व्यापक स्तर पर शिकायत हुई है। मंत्रियों द्वारा दी गई सीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि थाने, तहसील व ब्लॉक व जिला मुख्यालय पर जनता की सुनवाई में लापरवाही बरती जा रही है। सूबे में जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, बरेली, मुरादाबाद, हमीरपुर, पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, बांदा जिलों की रिपोर्ट में खराब स्थिति दर्शाई गई है।
अब तक सस्पेंड होने वाले अधिकारियों की लिस्ट देखें…
1- भ्रष्टाचार में डीएम औरैया सुनील वर्मा सस्पेंड किए जा चुके हैं।
2- लापरवाही बरतने पर DM सोनभद्र टीके शिबू सस्पेंड किए जा चुके हैं।
3- लापरवाही के मामले में गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी सस्पेंड हो चुकी हैं।
4- लापरवाही बरतने पर गाजियाबाद SSP पवन कुमार निलंबित हो गए थे।
5- SP महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन अलंकृता सिंह को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
6- गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के असिस्टेंट कमिश्नर आशुतोष मिश्र सस्पेंड कर दिए गए थे।
7- बाराबंकी ट्रेड टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर अंजली चौरसिया निलंबित हो चुके हैं।
8- पेपर लीक मामले में बलिया (DIOS) ब्रजेश मिश्रा सस्पेंड हो चुके हैं।
9- पेपर लीक मामले में पूर्व शिक्षा निदेशक विनय पांडे सस्पेंड किए जा चुके हैं।
10- भ्रष्टाचार में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और UPSIDC के 8 अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं।
11- शिव ओम- अपर अभियंता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (सस्पेंड)।
12- डॉक्टर सत्येंद्र कौशल सिंह- चिकित्साधिकारी, जौनपुर (सस्पेंड)।
13- डॉक्टर डीपी सिंह- चिकित्साधिकारी, जौनपुर (सस्पेंड)।
14- अरविंद कुमार राय- क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी (सस्पेंड)।
योगी-2 का कार्यकाल सख्त होगा, ऐसा अंदाजा शुरू से ही लगने लगा था। कई दागी मंत्रियों को इसीलिए योगी-2 में स्थान नहीं मिल सका। दागियों में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को न चाहते हुए भी बहुत दबाव के बाद योगी जी उन्हें मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम का पद तो दिया, परन्तु उनका मनपसंदीदा PWD विभाग उनसे छीन लिया गया। इस बार उनकी पहले कार्यकाल की तरह नहीं चल पा रही है। संगठन महामंत्री सुनील बंसल जो पिछली सरकार में रायता फैला रखे थे, उनकी भी इस बार चल नहीं रही है। इस बार अकेले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ही बैटिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी जी को कई मंत्रियों ने जनपद भ्रमण के उपरांत अधिकारियों के सम्बन्ध में बीजेपी कार्यकर्ताओं से अभद्रता व उनकी अनदेखी की शिकायत भी की है। सीएम ने कहा है कि नोडल अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में साफ है कि आने वाले वक्त में मंडलीय समीक्षा की रिपोर्ट के आधार पर यूपी के तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। साथ ही कई को चेतावनी नोटिस दी जाएगी, जिसकी तैयारी सीएम दफ्तर कर रहा है।