गोश्त खाने के शौकीन पोते की हैवानियत, बन गया दादा के खून का प्यासा
बरेली। थाना कैंट क्षेत्र में मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेस (एमईएस) से सेवानिवृत्त माली द्वारिका प्रसाद की हत्या पोते प्रशांत कश्यप ने मांस पकाने और मादक पदार्थों का सेवन करने के विरोध पर की थी। पुलिस ने पांच दिन बाद पोते को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।गांव नवीनगर निवासी द्वारिका प्रसाद एमईएस में माली के पद पर तैनात थे और जून में सेवानिवृत्त हुए थे। पत्नी की मौत के बाद वह एमईएस कॉलोनी और बंगला नंबर-42 के पीछे करीब 25 साल से कुटिया बनाकर रहते थे। काफी समय से उनका 19 वर्षीय पोता प्रशांत कश्यप उनके साथ कुटिया में रहता था। प्रशांत शराब, सुल्फा और अन्य नशे का आदी था।
इसका द्वारिका प्रसाद विरोध करते थे। द्वारिका प्रसाद ने प्रशांत को सदर बाजार स्थित एक मोटर मैकेनिक की दुकान पर काम सीखने के लिए लगवाया था ताकि वह सुधर जाए लेकिन वह नहीं सुधरा। वह शाम को मैकेनिक की दुकान से लौटते समय मांस लेकर आता था। द्वारिका प्रसाद पूजा पाठ करने की वजह से मांस लाने का विरोध करते थे। सीओ सिटी प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि मादक पदार्थों का सेवन करने और कुटिया में मांस पकाने का विरोध करने पर पोते ने हत्या कर शव गड्ढे में फेंका था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
कुटिया में मीट पकाने का विरोध पर गुस्साया प्रशांत
पुलिस पूछताछ में आरोपी प्रशांत ने बताया कि 28 सितंबर की शाम को वह मांस लेकर कुटिया गया। दादा ने विरोध करते हुए उससे गालीगलौज की। उस समय उसने नशा कर रखा था। दादा मढ़ी के चबूतरे पर सफाई कर रहे थे तभी उसने उनका गला दोनों हाथों से दबा दिया और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद उसने दादा के शव को खींचकर मढ़ी के पीछे एक गड्ढे में डाल दिया। इसके बाद गांव में चचेरे भाई शिवम को फोन करके पूछा कि दादा यहां नहीं हैं गांव तो नहीं आए हैं। उसने परिजनों के साथ मिलकर द्वारिका प्रसाद को ढूंढने का झूठा नाटक भी किया।