जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के आदेश की खुलेआम अवमानना हो रही है, 14 दिन पहले आदेश देने के बाद भी सदर तहसील में तैनात रहे एसडीएम सदर की कोर्ट के राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय नहीं दे सके चार्ज
अदालतों की पत्रावलियां गायब हैं और पीठासीन अधिकारी मौन हैं, राजस्व परिषद् उत्तर प्रदेश और मंडलायुक्त सहित जिलाधिकारी अंजान बनकर तमाशा देख रहे हैं
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने एसडीएम सदर की कोर्ट में तैनात राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय का तवादला दिनांक- 02/02/2024 को रानीगंज किया गया। परन्तु आज 12 दिन हो गए जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के आदेश का अनुपालन नहीं कराया गया। आखिर जब जिले के मुखिया जिलाधिकारी केआदेश का यह हाल है तो और की बात करना बेईमानी होगी। वैसे तो जिलाधिकारी प्रतापगढ़ द्वारा कुल चार कर्मचारियों का तवादला और एक कर्मचारी को अतिरिक्त चार्ज देने का आदेश किया गया। ताज्जुब की बात यह कि 14 दिन पहले आदेश देने के बाद भी सदर तहसील में तैनात रहे एसडीएम सदर की कोर्ट के राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय द्वारा अभी तक योगदान आख्या प्रस्तुत नहीं की गई।
मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के रीडर अनुराग श्रीवास्तव सहायक वासिल वाकी नबीस (AWBN) तहसील पट्टी के रिक्त पद पर किया गया। मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के अहलमद रीडर सत्य प्रकाश को फौजदारी अहलमद न्यायालय उप जिलाधिकारी लालगंज के पद पर किया गया। एसडीएम सदर की कोर्ट में तैनात राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय का तवादला सहायक वासिल वाकी नबीस (AWBN) तहसील रानीगंज के लिए किया गया। राम कुमार रावत फौजदारी अहलमद न्यायालय उप जिलाधिकारी सदर/वीआईपी लिपिक के कार्यों के साथ-साथ रीडर न्यायालय उप जिलाधिकारी सदर का भी कार्य देखेंगे। मितेश सिंह नवनियुक्त कनिष्ठ सहायक कलेक्ट्रेट प्रतापगढ़ से प्रतिलिपिक तहसील सदर सम्बद्ध राजस्व अहलमद न्यायालय उप जिलाधिकारी सदर के यहाँ तवादला किया गया।
इसमें दो तवादले जुआड़ से कराया गया। एक तवादला मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के रीडर अनुराग श्रीवास्तव एवं दूसरा तवादला मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के अहलमद रीडर सत्य प्रकाश को फौजदारी अहलमद न्यायालय उप जिलाधिकारी लालगंज के पद पर किया गया। सबसे खास तवादला एसडीएम सदर की कोर्ट में तैनात राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय का रहा। जिसका अभी तक चार्ज नहीं बन सका। जबकि उपरोक्त कर्मचारीगण अपने नवीन तैनाती पटल पर तत्काल योगदान आख्या प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। ऐसा आदेश में ही वर्णित है। फिर भी एसडीएम सदर उदय भान सिंह अभी तक अपने यहाँ से राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय को कार्यमुक्त न कर सके। इसके पीछे कारणों को जानने का प्रयास किया गया तो पता चला कि एसडीएम सदर की कोर्ट से सैकड़ों पत्रवाली गायब हैं, जिनके अभाव में चार्ज नहीं हो पा रहा है।
एसडीएम सदर उदय भान सिंह स्वयं ही गायब पत्रावालियों को खोजने के लिए उस शिक्षण संस्थान पहुँच गए जहाँ उनके प्राइवेट आदमी दुर्गेश सिंह पत्रावली को गोपनीय तरीके से ऑर्डर टाइप करने के लिए ले जाता है। यक्ष प्रश्न यह है कि आखिर एसडीएम सदर उदय भान सिंह के न्यायालय की पत्रावली कौन गायब किया है ? सूत्रों के अनुसार बहुत सी पत्रावली एसडीएम सदर उदय भान सिंह स्वयं बिना अभिलेख में चढ़ाये अपने साथ ले जाते हैं और उसकी वापसी भी कब होती है, यह तय नहीं होता ! सवाल यह है कि राजस्व अहलमद सुरेन्द्र पाण्डेय के तवादले के बाद क्या गायब पत्रावलियां मिल जायेंगी ? शायद नहीं ! क्योंकि मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के न्यायालय से लगभग 1700 पत्रावलियां गायब हुई और आज तक नहीं मिल सकी हैं।
जब ये पत्रावलियां मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के न्यायालय से गायब हुई तो अहमद के पद पर यही सुरेन्द्र पाण्डेय तैनात रहे। यदि वास्तव में न्यायालय से पत्रावलियां गायब हुई हैं तो यह बड़ा मामला है और इस मामले में अभी तक जिम्मेदार के खिलाफ एक अदद मुकदमा तक नहीं लिखाया गया और न ही विभागीय कार्यवाही करते हुए उस कर्मचारी और अधिकारी को सस्पेंड किया गया। राजस्व परिषद् उत्तर प्रदेश और जिलाधिकारी सहित मंडलायुक्त राजस्व के मुकदमें की समीक्षा करते हैं। यदि मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ के न्यायालय से लगभग 1700 पत्रावलियां गायब हैं तो इसकी जानकारी क्या राजस्व परिषद् उत्तर प्रदेश और मंडलायुक्त सहित जिले के मुखिया जिलाधिकारी को नहीं है। यदि जानकारी है तो सारा सिस्टम इसका जिम्मेदार है और नहीं है तो सम्बन्धित न्यायालय का पीठासीन अधिकारी भी उतना जिम्मेदार है जितना पत्रवाली के रखरखाव के लिए न्यायालय में तैनात अहलमद है।