जहरीली शराब कांड के आरोपी समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव पर 46 मुक़दमे हैं दर्ज, फिर भी पांच बार विधायक और चार बार रह चुके हैं सांसद
आजमगढ़। जिले में 21 फरवरी को अहिरौला थाना क्षेत्र के माहुल में हुई जहरीली शराब कांड में समाजवादी पार्टी विधायक रमाकांत यादव को आरोपी बनाया गया है। अब माना जा रहा है कि रमाकांत यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। जिले में फरवरी माह में जहरीली शराब पीने से 13 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि 60 से अधिक लोग बीमार हो गए थे। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले में 13 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले मे रमाकांत यादव के भांजे रंगेश यादव सहित 13 आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट की और छह आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की है। इसके साथ ही इसमें शामिल खान बंधुओं की 75 लाख से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई थी। इस मामले में पुलिस ने सपा विधायक रमाकांत यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट के प्रभारी मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह के समक्ष कारागार से लाकर पेश किया गया। जहां से 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार रमाकांत यादव पर 46 मुकदमें दर्ज हैं। एसपी अनुराग आर्य ने कहा कि मामले की जांच जारी है। अहिरौला थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 39/ 22 मामले की जांच अभी जारी है। जहरीली शराब कांड में पुलिस की जांच में रमाकांत यादव का नाम प्रकाश में आया था।
पुलिस ने इस मामले में बहुत ही साइंटिफिक तरीके से जांच की। इस मामले में न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा गया है। एसपी ने कहा कि इस मामले में छह लोगों पर रासुका की करवाई की जा चुकी है। शेष आरोपियों पर भी जांच के बाद कड़ी करवाई की जाएगी। इस से साफ है कि सपा विधायक रमाकांत यादव पर भी रासुका की करवाई हो सकती है। जांच में सामने आई ये बात इस मामले में 13 आरोपियों पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। 24 फरवरी को जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर माहुल के रूपईपुर स्थित अवैध शराब का कारोबार करने वाले नदीम के घर पुलिस ने छापेमारी की थी। तब पुलिस हैरान रह गई। घर के अंदर बकायदा अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री लगाई गई थी। जहां से वह शराब बनाकर रंगेश यादव और अन्य टेक के जरिए बाजार में बेची जाती थी। नदीम और उसके परिवार ने काली कमाई कर करोड़ों की लागत से तीन आलीशान कोठियां कम समय में बनाई गई। हालांकि पुलिस की छापेमारी से पहले ही यहां पर रहने वाले परिवार के सदस्य फरार हो चुके थे। जांच के बाद इस पूरे मामले में पुलिस ने यह पाया कि शराब का अवैध कारोबार रमाकांत यादव के इशारे पर होता था।