गाजीपुर में एक साथ जलीं तीन चिताएं, किसी मां का इकलौता सहारा गया तो किसी के मासूम बच्चे रह गए अनाथ
चूल्हे पड़े थे ठंडे, गलियां थीं सूनी…
मानपुर अनुसूचित बस्ती में तीन लोगों की मौत से दूसरे दिन मातम पसरा रहा। गलियां एकदम सुनसान थीं। दरवाजों पर बैठकर ग्रामीण हादसे के बाबत ही चर्चा करते देखे गए। वहीं पीड़ित परिवार व आसपास के कई घरों के चूल्हे भी ठंडे पड़े थे। हालांकि पीड़ित परिवार के दरवाजे पर ढांढस बधाने वालों की भीड़ लगी रही।
गहरी नींद में थे परिजन तो मिली तीन मौत की खबर…
शुक्रवार की रात करीब दो बजे प्रदीप, अच्छेलाल व श्यामलाल के परिजन गहरी नींद में थे। उसी दौरान मरदह पुलिस का सभी के घर फोन आया। एक ही गांव के तीन लोगों के मौत की खबर जैसे ही मिली तो मातम छा गया। घरों से रोने-बिलखने की आवाज ग्रामीणों के कानों में गई तो वे भी अनहोनी को भांप गए और पीड़ित परिवार के घर की ओर दौड़ पड़े। किसी को कुछ नहीं समझ आ रहा था कि आखिरकार पीड़ित परिवार की मदद कैसे करें। हालांकि ग्रामीणों ने एक चार पहिया वाहन की व्यवस्था की और स्वजनों को लेकर अस्पताल पहुंचे।
भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता पहुंचे मानपुर…
एक ही गांव के तीन लोगों के मौत की खबर मिलने के बाद भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता दाेपहर में मानपुर गांव पहुंचे। यहां पीड़ित परिवार को ढांढस बधाने के साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया। कहा कि प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।