भूमि और भवन को हथियाने के लिए कथित भाजपा नेता ब्यापारी नेता के पूरे परिवार पर लिखवाया था, फेंक SC/ST का मुकदमा, हाईकोर्ट से मिला स्टे ऑर्डर
हाईकोर्ट इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ ने ब्यापारी नेता अनिल कुमार के विद्वान वकील दुर्गा प्रसाद शुक्ला, राज्य के लिए विद्वान ए.जी.ए. श्रीमती अंशुइया राजपूत को सुना और रिकॉर्ड का अवलोकन किया। तदोपरान्त माननीय जस्टिस Saurabh Lavania ने थाना कोतवाली नगर, जिला प्रतापगढ़ के मुकदमा अपराध संख्या- 635/2022, धारा 406, 427, 504, 500 एल.पी.सी और 3(1)(दा), 3(1)(धा) 3(1)(वा) एससी/एसटी एक्ट के संबंध में शुरू किए गए विशेष परीक्षण संख्या-76/2023 (राज्य उत्तर प्रदेश बनाम अनिल कुमार विश्वकर्मा और अन्य की संपूर्ण कार्यवाही को स्टे कर दिया। साथ ही निचली अदालत को निर्देश दिया कि आवेदन के लंबित रहने के दौरान वह आवेदकों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करे।
पक्षकार सुनील गोयल और श्याम लाल हरिजन को हाईकोर्ट ने दिया नोटिस
हाईकोर्ट ने माना कि सुनील गोयल के प्रभाव में अनिल कुमार व उनके परिवार के खिलाफ जो बार-बार जो मुकदमा प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज किया जा रहा है, वह जमीन हथियाने में सिविल केस में असफल होने पर अपने पद व प्रभाव की वजह से उसे क्रिमिनल केस बनाकर अनिल कुमार व उनके परिवार को हैरान व परेशान करने के लिए किया जा रहा है। जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और उक्त मामले को स्टे कर दिया है। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने मुकदमा अपराध संख्या- 575/2021, धारा 419, 420, 504, 506, 427 आईपीसी, थाना कोतवाली नगर, जिला प्रतापगढ़ की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
इंसान जब धन की लालसा में पागल होता है तो उसे अच्छे और बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता। पैसे की भूख उसे अँधा बना देती है। पैसा कमाने का जुनून होना चाहिए, परन्तु इतना ध्यान रखना चाहिए कि जो धन कमाए, वह पाप की कमाई का न हो। उस धन प्राप्ति में किसी निरीह ब्यक्ति की आह न लगे। इस अर्थवादी आधुनिक युग में ऐसा सोचने वाले बहुत कम लोग मिलेंगे। फिर भी इंसान को पाप करने से बचना चाहिए और झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। आज हम एक ऐसे सच से आप सभी का सामना कराना चाहूँगा, जिसे जानकार आप सब लोग दंग रह जायेंगे। झूठ की बुनियाद पर बनी अटालिका बहुत जल्द धराशायी हो जाया करती हैं।
कथित भाजपा नेता ने पेशबंदी में ब्यापारी नेता और उसके परिजनों पर कोतवाली नगर में दर्ज कराया फेंक मुकदमा
प्रतापगढ़। किसी की जमीन व जायदाद जब आसानी से न मिले तो आज कल भूमाफियाओं द्वारा उसे जबरन हथिया लिए जाने की ब्यवस्था बनाई जाती है। सबसे पहले उस सम्पत्ति पर सिविल का मुकदमा न्यायालय में दाखिल किया जाता है और जब उससे बात नहीं बनती तब मौके पर मारपीट की जाती है और सम्बन्धित थाने में मुकदमा लिखाकर उसे परेशान किया जाता है, ताकि थक हारकर वह सम्पत्ति उसे दे दे और उससे वह समझौता कर ले। सिविल मामले को क्रिमिनल मामला बनाकर यह खेल आसान किया जाता है। ऐसा ही एक मामला जनपद प्रतापगढ़ में देखने को मिला है।
अनिल कुमार की जमीन हथियाना चाहता है,सुनील कुमार गोयल…
प्रतापगढ़ शहर में कचेहरी रोड़ पर गोयल फर्नीचर की दुकान है। जिसके स्वामी सुनील कुमार गोयल हैं। सुनील कुमार गोयल वहीं भदरी हाउस मोहल्ले में अपना आशियाना भी बना रखा है। सुनील कुमार गोयल मायाबी किस्म का ब्यक्ति है और अपनी माया में अच्छे से अच्छे होशियार लोगों को फंसाये रखता है। गोयल फर्नीचर के सामने इंद्रपाल विश्वकर्मा, हीरालाल विश्वकर्मा, डॉ रामपाल विश्वकर्मा के नाना जी का मकान था, जो राजा प्रतापगढ़ की नॉन जेड ए भूमि पर निर्मित रहा। उक्त भूमि पट्टे पर आवंटित रही जिस पर इंद्रपाल विश्वकर्मा, हीरालाल विश्वकर्मा और डॉ रामपाल विश्वकर्मा के नाना जी अपना मकान बनाकर रहते थे। बाद में उनके मृत हो जाने के बाद तीनों भाई उस मकान को नए तरीके से बनवाकर सपरिवार रहने लगे।
तालुकेदार से अनिल कुमार ने पहले ही बैनामा ले रखा था, बाद में तामीर को पट्टेदार से सुनील गोयल ने कराया है, बैनामा
इंद्रपाल विश्वकर्मा का एक लड़का काशी प्रसाद था, जिसकी असामयिक मौत हो गई, जिससे इंद्रपाल विश्वकर्मा और उनकी पत्नी पार्वती बहुत दुखी रहने लगे। इंद्रपाल विश्वकर्मा की मौत हो गई तो उनकी पत्नी पार्वती अपने देवर डॉ रामपाल विश्वकर्मा के परिवार के साथ रहने लगी। पार्वती अपनी सम्पत्ति अपने भाई डॉ रामपाल विश्वकर्मा के बेटे अनिल कुमार विश्वकर्मा के हक में वसीयत कर दिया। जिनकी मौत के बाद उनका हिस्सा अनिल कुमार विश्वकर्मा के हक में आ गया। सरकारी अभिलेखों में अनिल कुमार विश्वकर्मा अपना नाम दर्ज कराकर उसका टैक्स आदि समय-समय पर जमा करते रहते हैं। इस तरह डॉ रामपाल विश्वकर्मा और इन्द्रपाल विश्वकर्मा दोनों मकान पर अनिल कुमार विश्वकर्मा (जो डॉ रामपाल विश्वकर्मा के एकलौते लड़के हैं) के हक में आ गया।
आवासीय नॉन जेड ए की पट्टे वाली भूमि पर निर्मित तामीर को पट्टेदार से सुनील गोयल ने कराया है, बैनामा
इसी बीच वर्ष-2009 में प्रतापगढ़ के राजा अभय प्रताप सिंह ने अपने मुख्तार के जरिये डॉ रामपाल विश्वकर्मा को सिटी स्थित अपने किला बुलावाया और अपनी इच्छा जताई। राजा अभय प्रताप सिंह ने अपनी उस भूमि को बेंचने की इच्छा जताई जिस पर हीरालाल विश्वकर्मा और डॉ रामपाल विश्वकर्मा अपना मकान बनाये थे। डॉ रामपाल विश्वकर्मा अपने भाई हीरालाल विश्वकर्मा से राजा प्रतापगढ़ की मंशा बताई तो हीरालाल विश्वकर्मा ने अपनी इच्छा ब्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है और आप सरकारी नौकरी करते हो आप अपने लड़के के नाम जमीन और मकान का बैनामा करा लो। हम जब तक जियेंगे तब तक हमें भी इसी मकान में रहने देना। चूँकि हीरालाल विश्वकर्मा के पास अपनी कोई औलाद नहीं थी और बैनामा कराने के लिए धन भी नहीं था।
कैंसर से ग्रसित ब्यक्ति को भी सुनील गोयल ने अपने मायजाल में फंसाकर लिखा लिया उसका जर्जर भवन
अपने भाई की इच्छा के मुताविक डॉ रामपाल विश्वकर्मा अपने बेटे अनिल कुमार विश्वकर्मा के नाम वर्ष-2011 में पैसे का इंतजाम कर राजा अभय प्रताप सिंह से बैनामा करा लिया। प्रतापगढ़ शहरी क्षेत्र में नॉन जेड ए की पट्टे वाली भूमि जिस पर राजा प्रतापगढ़ को लगान मिला करता था, वह बंद हो गई थी। क्योंकि राजा प्रतापगढ़ के यहाँ से उसकी वसूली के लिए जो लोग तैनात किये जाते थे, वो लगान लेने आते ही नहीं थे। सो तंग आकर राजा अपना मालिकाना हक का स्थानातंरण करने लगे और पट्टे की भूमि का रिन्युअल करना बंद कर दिए। हीरालाल विश्वकर्मा को कैंसर हो गया था तो सामने सुनील कुमार गोयल मोहल्ले में होने के नाते सुबह-शाम हीरालाल विश्वकर्मा को देखने आ जाते थे। सुनील कुमार गोयल अपने आदत के मुताविक हीरालाल के इलाज के लिए हजार पाँच रुपये देकर उन्हें अपने मायाजाल में फांसना शुरू किया। चूँकि सुनील कुमार गोयल की नजर हीरालाल के मकान पर पड़ चुकी थी।
सुनील गोयल सिर्फ तामीर का कराया है, बैनामा और जमीन पर भी चाहता है, कब्जा
देखते-देखते एक दिन मौका पाकर सुनील कुमार गोयल दिनांक- 31 जनवरी, 2012 को हीलालाल विश्वकर्मा से उनके मकान का एग्रीमेंट करा लिया। सुनील कुमार गोयल महज 6 माह के अंदर 11 जून, 2012 को 3 लाख रुपये में ही हीरालाल से अपने हक में बैनामा करा लिया और पड़ोसी होने का भरोसा दिलाया कि विश्वकर्मा जी आप चिंता मत करो, हमारे रहते कोई दिक्कत तुम्हारे इलाज में नहीं होगी। हीरालाल और उनकी पत्नी अनारकली को सुनील कुमार गोयल पर भरोसा हो गया और 17 लाख रूपये अपने मकान का सौदा करके सुनील कुमार गोयल के हाथ हीरालाल अपना मकान बेंच दिया। जबकि पट्टे शुदा भूमि पर बने तामीर यानि ईमारत को पट्टेदार बेंच नहीं सकता, क्योंकि जमीन का मालिक वह नहीं होता। फिर भी सुनील कुमार गोयल अपने मायाजाल में हीलालाल को फंसाकर उसका मकान यह जानते हुए कि अनिल कुमार विश्वकर्मा पहले ही मकान और जमीन का बैनामा राजा अभय प्रताप सिंह से दिनांक-2 जून, 2011 को करा लिया है। उसके बाद भी सुनील कुमार गोयल जानबूझकर बैनामा कराकर ब्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा से झगड़ा मोल लिया।
ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको सुनील गोयल ठगा नहीं
अत्यंत चालाक किस्म का सुनील कुमार गोयल बैनामा लेने के बाद अनिल कुमार विश्वकर्मा से 6 लाख, 30 हजार रुपये यह विश्वास दिलाकर ले लिया कि वह उसके बड़े पिताजी हीरालाल विश्वकर्मा से जो मकान बैनामा लिया है, उसमें वह समझौता कर लेगा। पैसा सुनील कुमार गोयल के खाते में बैंक से RTGS किया गया। फिर भी सुनील कुमार गोयल उक्त प्रकरण में समझौता नहीं किया। 27 मई, 2020 को सुनील कुमार गोयल अपने आधा दर्जन गुंडों के साथ अनिल कुमार विश्वकर्मा के घर में घुसकर मारपीट की थी, जिसका मुदकमा कोतवाली नगर में अपराध संख्या- 0440/2020 लिखा गया और बहुत दबाव के बाद भी सुनील कुमार गोयल उस मुकदमें में फाइनल नहीं लगवा सके।
जिसका लेना, कभी न देना, फिर जग में क्या आना हैं की कहावत को चरितार्थ करते हैं, सुनील गोयल
उक्त मुकदमें में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हो गया है। अनिल कुमार विश्वकर्मा अपना 6 लाख, 30 हजार रूपये मांगने लगे तो सुनील कुमार गोयल धमकी देते हुए धन वापस करने से मना कर दिया। मजबूर होकर अनिल कुमार विश्वकर्मा पहले पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया, परन्तु रसूख वाला मानकर मुकदमा दर्ज न होने की दशा में अनिल कुमार विश्वकर्मा को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। न्यायालय में वाद दाखिल करने पर न्यायालय के आदेश पर अपराध संख्या-0196/2021 धारा-419, 420, 147, 323, 504, 506 एवं 406 आईपीसी के तहत कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया l जिसमें सुनील कुमार गोयल, केदारनाथ गोयल, सुनील की माता नाम अज्ञात, सुनील की पत्नी एवं 3-4 ब्यक्ति नाम पता अज्ञात को आरोपी बनाया गया है l उक्त मुकदमें में भी आरोप पत्र दाखिल हो चुका है।
बैंक लोन अदा करने के बाद भी लिखा गया कोतवाली नगर में मुकदमा, आरोप पत्र पर हाईकोर्ट ने दिया है, प्रोसीडिंग स्टे
इसी से नाराज होकर सुनील कुमार गोयल बदले के भावना से प्रेरित होकर कपोल कल्पित मनगठंत कहानी गढ़कर अनिल कुमार विश्वकर्मा, उनके पिता डॉ रामपाल विश्वकर्मा, पत्नी रीमा शर्मा और नाबालिक पुत्र राजन सहित घर के अन्य अज्ञात सदस्यों पर कोतवाली नगर में मुकदमा अपराध संख्या- 0575/2021 लिखाया है। जबकि मामला पूरी तरह से सिविल कोर्ट का है और न्यायालय में मुकदमा प्रचलित है। अनिल कुमार विश्वकर्मा ने सुनील कुमार गोयल के बैनामें का कैंसिलेशन न्यायालय में दाखिल कर रखा है। रहा सवाल बैंक के लोन का तो बैंक किसी भी लोन में पहले जमीन का कागजात देखती है और संतुष्ट होने के बाद ही उस पर लोन देती है। अनिल कुमार विश्वकर्मा का बैनामा राजा अभय प्रताप सिंह से क्रय किया गया है। जमीन के मालिक राजा अभय प्रताप सिंह ही हैं। सुनील कुमार गोयल का बैनामा बाद का है और पट्टेदार से लिया गया है। पट्टेदार जमीन का बैनामा नियमतः नहीं कर सकता। जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो उस पर आपराधिक मामला बनता ही नहीं।
सुनील कुमार गोयल और अनिल कुमार विश्वकर्मा के बीच असल विवाद जमीन और मकान है
मजेदार बात यह है कि सुनील कुमार गोयल बैंक के किसी भी अधिकारी को मुकदमें में नामजद नहीं किया है। जबकि लोन तो बैंक का मैनेजर ही किया है। बैनामा सही है या गलत है, इसका निर्धारण करने का अधिकार न तो पुलिस के पास है और न ही बैंक के मैनेजर के पास है। फिर पैसे के बल पर पुलिस वालों ने उक्त मुकदमा लिखा है। सुनील कुमार गोयल की तहरीर पर नगर कोतवाली में व्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा, रामपाल विश्वकर्मा, रीमा शर्मा, नाबालिक राजन विश्वकर्मा सहित परिवार के तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। सुनील कुमार गोयल ने इस बार सेटिंग के तहत एक शिकायत की जिसकी जाँच अस्पताल चौकी इंचार्ज हरीश तिवारी को जानबूझकर दी गई। जाँच के नाम पर दरोगा हरीश तिवारी सबसे पहले अपना कागजात लेकर अनिल कुमार विश्वकर्मा को कचेहरी में बुलाया, जहाँ उससे 50 हजार रूपये धन की माँग किया। अनिल कुमार विश्वकर्मा के धन न देने पर उक्त मुकदमा लिखा गया। ऐसा आरोप ब्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा ने लगाया है।