बुलडोजर के डर से टॉप-10 माफिया राकेश यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर, 52 से ज्यादा मुकदमे हैं दर्ज
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में माफियाओं पर पुलिस का शिकंजा कसता चला जा रहा है। माफिया अजीत शाही, सुधीर सिंह के बाद अब माफिया राकेश यादव ने गोरखपुर के सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। फरार राकेश यादव के घर बुलडोजर चलाने की कवायद को पूरा करने के लिए जीडीए द्वारा नक्शा और अन्य कागजातों की जांच के बाद ही उसके खौफ का काउंटडाउन शुरू हो गया था, उसके घरवाले भी बुलडोजर चलने की उड़ती हुई खबर के बाद से दहशत में रहे हैं। पुलिस के दबाव की वजह से राकेश यादव ने शनिवार को सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। गोरखपुर में 90 के दशक में आतंक का पर्याय रहे माफिया राकेश यादव ने सिविल कोर्ट में शनिवार को सरेंडर कर दिया। बाबा के बुलडोजर का खौफ माफियाओं के सिर पर चढ़कर बोल रहा है। यही वजह है कि राकेश यादव ने सरेंडर करने में ही भलाई समझी।पुलिस उसकी तलाश में लगातार उसके ठिकानों पर दबिश भी डाल रही थी। 90 के दशक में अपराध में कदम रखने वाले इस माफिया पर 52 मुकदमे दर्ज हैं।
सबसे ज्यादा चर्चा में वो 25 मार्च साल-1996 को तब आया जब मानीराम के तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश पासवान की माल्हनपार रोड पर चुनावी जनसभा में बम मारकर हत्या कर दी गई और राकेश यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया। अंडरग्राउंड होकर जमीन का धंधा करने वाला माफिया राकेश यादव बदमाशों की सूची में गोरखपुर जिले के टॉप-10 और प्रदेश के टॉप-61 में शामिल है। राकेश यादव की जड़े जमीन के धंधे में इतनी गहरी हैं कि विवादित भूमि पर कब्जा करने से लेकर उसे बेचने तक में कोई हस्तक्षेप नहीं करता है। पुलिस को कई दिनों से उसकी तलाश थी, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा था। माफिया राकेश यादव ने पुलिस को चकमा देते हुए शनिवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। ओमप्रकाश पासवान की हत्या मामले में जेल से छूटने के बाद उसने लंबे समय तक नेपाल में शरण ले ली थी।माफिया राकेश यादव पर दर्ज मुकदमों में से छह मामलों में अब पुलिस कोर्ट में पैरवी करेगी। कोर्ट में गवाही, साक्ष्य प्रस्तुत कराएगी ताकि सजा हो सके।
पीपीगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर केस अपराध संख्या 89/91, गुलरिहा थाने में दर्ज 332/99, गुलरिहा में दर्ज आर्म्स एक्ट अपराध संख्या 333/99, गुलरिहा के अपराध संख्या 600/19, पिपराइच में दर्ज अपराध संख्या 77/2020, गुलरिहा एक्ट अपराध संख्या 870/20 की पैरवी पुलिस करेगी। राकेश यादव के अधिवक्ता निलय कुमार मिश्रा ने बताया कि राकेश यादव वर्तमान में किसी भी मुकदमे में वांछित नहीं है। प्रशासन का दबाव रहा है कि वो किसी भी मुकदमे में जेल चले जाए। प्रशासन के दबाव के एक मुकदमे में जमानत निरस्त कराकर उन्हें जेल भेजा गया है। उनके ऊपर विधायक ओम प्रकाश पासवान की हत्या का मुकदमा रहा है। जिसमें वे साल-2018 में ही बरी हो चुके हैं। अधिकतम मुकदमे में वे बरी हो चुके हैं। साल-2020-22 के जो मुकदमे में वे आरोपी बनाए गए हैं। जेएम प्रथम की कोर्ट में शनिवार को 11 बजे उन्होंने सरेंडर किया है। चिलुआताल के एक 307 के मुकदमे में उन्होंने जमानत कराया है। उन्होंने बताया कि पुलिस उनके ऊपर 50 से अधिक मुकदमे बताती है। लेकिन उनके ऊपर वर्तमान में सिर्फ 5 मुकदमे हैं। पूर्व के सारे मुकदमे खत्म हो चुके हैं। उसमें वे दोषमुक्त हो चुके हैं।