जिलाधिकारी की छवि धूमिल करने और सामाजिक रूप से बदनाम करने की कोशिश करने वाले फतेहपुर के दो पशु चिकित्साधिकारी किये गए,सस्पेंड
लखनऊ। फतेहपुर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे के खिलाफ उन्हीं के अधीनस्थ फतेहपुर जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आरडी अहिरवार और उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संदीप कुमार तिवारी ने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की थी और उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया था। आज उत्तर प्रदेश शासन ने फतेहपुर जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आरडी अहिरवार और उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संदीप कुमार तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। इन दोनों पशु चिकित्साधिकारियों पर आरोप है कि इन लोगों ने गोवंश पशुओं का संरक्षण करने में लापरवाही की है। उधर इस कार्यवाही को जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे के आवास पर पाली गई गाय के इलाज में 7 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने के मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
यह कार्यवाही पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने की है। उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता गोवंश पशुओं का संरक्षण और संवर्धन करना है। इस कार्य में फतेहपुर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही थी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद दोनों अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है। उधर इस कार्यवाही को जिलाधकारी अपूर्वा दुबे के आवास पर पानी ले जाए के इलाज के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा लगाई गई 7 चिकित्सकों की नियुक्ति के मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जब एक जिलाधिकारी को उनके ही अधीनस्थों द्वारा अपने साजिश का हिस्सा बनाकर उन्हें बदनाम किया जा सकता है तो आम जनता की क्या स्थिति होगी ? यह सामान्य मामला नहीं रहा।
इस मामले में सोशल मीडिया पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी का पत्र वायरल होने पर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने वीडियो जारी कर स्पष्टीकरण दिया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा करके उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में जिलाधकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के बाद कार्यवाही की गई है। बता दें कि 10 जून, 2022 को सोशल मीडिया पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संदीप कुमार तिवारी का पत्र वायरल हुआ था। इसके तीन दिन पहले मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आरडी अहिरवार अवकाश पर चले गए थे। इस दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का प्रभार संदीप कुमार तिवारी के पास था। सोशल मीडिया पर पत्र वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने उप निदेशक पशु चिकित्सा विभाग को प्रकरण में कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा था।