डीजे पर गाना बजाने के विवाद में दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या, 13 के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
अमेठी। शादी समारोह में डीजे पर गाना बजाने के विवाद में शनिवार देर रात गौरीगंज नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 24 पूरे लोधन राजगढ़ निवासी आशीष (19) और रवि (18) की पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस 13 के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। मामले में एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने घटनास्थल का निरीक्षण कर मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया। दो युवकों की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
शिवबहादुर के मुताबिक उनका बेटा आशीष (19) गांव के ही शिवरतन के बेटे रवि (18) संग शनिवार की रात लोधन की सरैया मजरे सराय हृदयशाह गांव में आयोजित लड़की की शादी में गए थे। बरात बलभद्रपुर जामों से आई थी। बरात में डीजे पर मनपसंद गाना बजाने को लेकर आशीष व रवि का कुछ युवकों से विवाद हो गया।
इसके बाद भोजन के दौरान भी उन्हीं युवकों से कहासुनी हो गई। रात करीब साढ़े 11 बजे आशीष व रवि बाइक से घर लौट रहे थे तभी उनकी गाड़ी का पीछा करने लगे। जान बचाकर दोनों बाइक से भागकर सरौली गांव निवासी बहन के घर जा रहे थे, तभी रास्ते में पाठक का पुरवा के पास हमलावरों ने बाइक ओवरटेक कर दोनों को लोहे की रॉड, हॉकी और लाठियों से पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया।
घायल युवकों को पहले जिला अस्पताल, फिर रायबरेली एम्स और आखिर में लखनऊ ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया है। पुलिस ने मृतक आशीष के पिता की तहरीर पर सात नामजद और छह अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इन पर दर्ज हुआ मुकदमा…
इंस्पेक्टर श्याम नारायण पांडेय ने बताया कि शिव बहादुर की तहरीर पर जामों थाना क्षेत्र के पूरे निधान कुंवर बरौलिया निवासी दीपक पुत्र बिहारी, संदीप पुत्र ददन, शिवा पुत्र रामकुमार, गोरियाबाद निवासी मालिक पुत्र श्रीराम, बलभद्रपुर निवासी दूल्हे के चाचा का बेटा, शानू, हल्ला उर्फ लल्ला, ध्रुवे और पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
मां की करुण पुकार ने किया हर आंख को नम, पिता बोले- मेरा लाल चला गया…
आशीष की मौत के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है। मां सोनी रो-रोकर बेसुध हो गई है। हर किसी से बस यही कहती हैं कि अगर जानती कि ऐसा होगा तो कभी बेटे को शादी में न भेजती। सज-धज कर खुश होकर गया था। क्या पता था कि अब उसकी सूरत ही आखिरी बार देख रही हूं। मां की करुण वेदना सुनकर आसपास के लोगों की आंखें भी भर आईं। भाई अजीत और बहन सुशीला का भी रो-रोकर बुरा हाल है। पिता शिव बहादुर गुमसुम हैं, जैसे पूरी दुनिया उजड़ गई हो। रवि के घर में भी मातम पसरा है। मां पार्वती किसी से बेटे का हाल पूछती और फिर फफक उठती, कोई बता दो मेरा बेटा कहां है।
रात में बोला था अम्मा जल्दी लौट आऊंगा। सुबह हो गई, मेरा लाल कहां है। बहन माया, गुलाबा और नीलम की आंखें आंसुओं से सूजी हुई हैं। पिता शिवरतन सीने से लगकर लोगों से कहते हैं हे भगवान, यह क्या हो गया। दीपक, शिवा, मालिक उर्फ संदीप, शानू उर्फ संतोष कुमार और तेज बहादुर उर्फ हल्ला को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की जा रही है। अन्य की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है।
बहन के घर जाने की कोशिश कर रहे थे… पुलिस के पास पहुंचते तो शायद बच जाती जान…
विवाद के बाद जान बचाने को आशीष और रवि ने बहन के घर सरौली की ओर भागने का फैसला किया। पांच किलोमीटर तक बाइक से भागे भी लेकिन यह रास्ता वीरान और सुनसान था। अगर वे दूसरी दिशा यानी गौरीगंज की ओर मुड़ते, तो महज दो किलोमीटर दूर पुलिस की डायल 112 गाड़ी मिल सकती थी। पुलिस की मौजूदगी शायद हमला होने ही नहीं देती और दोनों की जान बच जाती लेकिन दबंगों ने सुनसान इलाके में घेरकर हमला किया। अगर आसपास आबादी होती तो शायद कोई मदद को आ जाता।
विवाद की खबर के बाद वैवाहिक रस्में भी अधूरी रहीं, सन्नाटे में बदला जश्न…
आशीष और रवि की मौत रविवार को हुई लेकिन हमले की सूचना शादी वाले घर तक शनिवार रात ही पहुंच गई थी। जहां कुछ देर पहले तक मंगलगीत गूंज रहे थे, वहां सन्नाटा पसर गया। डीजे बंद हुआ और किसी तरह हड़बड़ी में वैवाहिक रस्म पूरी की गई। बराती वहां से चले गए और घराती अस्पताल में घायल युवकों के इलाज में जुट गए। खुशी का माहौल देखते ही देखते मातम में बदल गया।