UPSC की छात्रा ने लगाए Avadh Ojha सर पर गंभीर आरोप, कहा कि कक्षा में कच्छा पहनकर आता है और सेक्स के करता है बाते
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने स्टूडेंट्स इकट्ठा होकर आवाज उठाने पर मजबूर कर दिया है। हर कोई कोचिंग सेंटरों पर तरह-तरह के सवाल उठा रहा है। इस बीच बच्चों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। UPSC की तैयारी करवाने वाले फेमस टीचर विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा भी स्टूडेंट्स के निशाने पर आ गए हैं। स्टूडेंट्स इन टीचर्स से हादसे को लेकर उनकी चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी वो स्टूडेंट्स के बीच नहीं पहुंचे। इसके अलावा इन टीचर्स ने रिएक्शन देने में भी काफी देरी कर दी। ऐसे में स्टूडेंट्स इन टीचर्स से बहुत गुस्सा हो गए हैं। इस बीच घटना के कई दिनों बाद एक वीडियो सामने आया है। जिसमें कुछ स्टूडेंट्स अवध ओझा पर गंभीर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। दरअसल, नवयुग टीवी नाम के यूट्यूब चैनल की एक क्लिप काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक छात्रा ने अवध ओझा सर को गुंडा बताया है। छात्रा ने कहा, “मैं उसकी स्टूडेंट रही हूं नेक्स्ट आईएएस में। वो हिस्ट्री नहीं पढ़ाता बस आकर चार पॉइंट्स लिखा देगा।
इसके आगे लड़की ने कहा, “ओझा सर कच्छे में क्लास में आते थे। जब मैंने कम्प्लेन की तो वो हंस के टाल देते हैं। उनका कोई ईमान नहीं है, वो सिर्फ प्रवचन देते हैं और सेक्स की बाते करते हैं हमेशा। मेरी मम्मी ने भी देखा जब ऑनलाइन क्लासेज चल रही थीं।” अवध ओझा के बारे में आगे छात्रा ने कहा, “क्योंकि उनको पता है कि आज की जनता, आज के बच्चे यही सब सुनना चाहते हैं, उनको पढ़ाई से कोई है नहीं। वो सबको ऐसा ही समझ लेते हैं। खास कर के जो दूर दराज के बच्चे हैं उन्हें आइडल बना देते हैं।” छात्रा ने आगे कहा, “वो बस दो ज्ञान की बाते बोलेंगे और एक पढ़ाई की। जो वो ज्ञान की बाते बोलेंगे वो वायरल हो जाती है।
यूट्यूब चैनल उन्हें वायरल करता है उन्हें पैसा मिलता है और बच्चों को लगता है कि हां ये तो सही बोल रहा है। जिंदगी की बातें बोल रहा है मुझे तो इसी से पढ़ना है। बच्चों को सच्चाई नहीं पता वो पढ़ाते ही नहीं हैं। उनका सिलेबस तक आज तक कंप्लीट नहीं हुआ है।” वहीं एक दूसरे छात्र ने कहा,”जिन बच्चों ने आज तक किताबें नहीं खोली हैं, उनपर ही इनका इन्फ्लुएंस है। जो टीचर्स कट्टा चलाने की बात करते हैं, उन शिक्षकों की हमारे सामने कोई भी क्रेडिबिलिटी नहीं है। सिर्फ कुछ ही बच्चों पर उनका प्रभाव है, जिन्होंने आजतक अपनी जिंदगी में किताबें तक नहीं खोलीं।”