‘हम बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नहीं’, बोले चिन्मय दास… कोर्ट परिसर में हिंदू समर्थकों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु और ISKCON के प्रमुख पुजारी चिन्मय दास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। चिन्मय दास को 25 नवंबर की दोपहर ढाका के हजरत शाहजलाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद जब पुलिस उन्हें वैन में बैठाकर जेल लेकर जा रही थी तो चिन्मय दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम किसी राजनीतिक दल या सरकार के खिलाफ नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “हम इस्लामी दलों सहित सभी दलों से हमारी वास्तविक मांगों का समर्थन करने का आग्रह करना चाहते हैं। हम सभी समूहों के लोगों के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहते हैं। हम इस देश से प्यार करते हैं, हम बांग्लादेश से प्यार करते हैं और एक एकजुट देश चाहते हैं ताकि सभी संप्रदायों और धर्मों के लोग बांग्लादेश के विकास और प्रगति के लिए मिलकर काम कर सकें।
उधर, चिन्मय दास की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थक कोर्ट परिसर में जमा हो गए। इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठियां भांजी। दरअसल, चटगांव कोर्ट में हिंदू समुदाय के लोग चिन्मय दास की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। बताया जा रहा है कि इसमें कई लोग घायल हुए हैं।
राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का लगा आरोप…
बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार के कार्यकाल में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के दौरान चिन्मय दास लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे। इस दौरान 25 अक्टूबर को राजधानी ढाका के न्यू मार्केट में हिंदुओं के समूह ‘सनातन जागरण मंच’ ने एक विशाल धरना-प्रदर्शन किया। रैली के दौरान कुछ युवाओं ने बांग्लादेशी झंडे के ऊपर भगवा झंडा लगा दिया। रैली में हुई इस घटना को ही बांग्लादेश की पुलिस ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी की वजह बनाया है। बांग्लादेश की पुलिस का कहना है कि इस तरह देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है।
30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दास समेत 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान चटगांव के न्यू मार्केट इलाके में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
कौन हैं चिन्मय दास, जिनके खिलाफ केस…
बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं। उनको लोग चिन्मय दास नाम से भी जानते हैं। वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सशक्त आवाज उठाते रहे हैं। बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर हैं, और लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं। वह बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य भी हैं। उनका संबंध अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (ISKCON) से भी है और वह ISKCON के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।