आईएसआई एजेंटों का पश्चिमी यूपी कनेक्शन,जमकर फल-फूल रहा नकली नोटों का कारोबार,तहसीम-नफीस ने खोले बड़े राज
शामली। उत्तर प्रदेश का शामली जिला एक बार फिर से नकली नोटों की वजह से सुर्खियों में है। पुलिस ने हाल ही में शामली में नकली नोट चलाने वाले गिरोह के दो सदस्य बिलाल और तसलीम को गिरफ्तार किया है। पुलिस और जांच एजेंसियों की जांच में सामने सामने आया है कि अभी भी शामली ही नहीं पश्चिमी यूपी के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में भी नकली नोटों को गिरोह के सदस्य खपा रहे हैं।
पता चला है कि गिरोह के सदस्य हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की भी सप्लाई करते हैं। गिरोह का सरगना कांधला का नफीस, तहसीम आईएसआई एजेंटों से मिलीभगत कर गिरोह को चला रहा है। बरहाल अभी जांच एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंट दिलशाद मिर्जा से संपर्क के कारण ही पुलिस से लेकर जांच एजेंसियां गिरोह के सरगना नफीस को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
पुलिस ने हाल ही में शामली के नौ कुआं रोड के रहने वाले बिलाल और तसलीम को गिरफ्तार किया है। दोनोंं के भाई इमरान को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। दोनों ने पुलिस और जांच एजेंसियों की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। दोनों ने बताया कि वह सरगना नफीस से लेकर ही नकली नोटों को खपा रहे थे।
जांच में पता चला है कि नफीस पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के एजेंटों के संपर्क में रहकर शामली के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, गाजियाबाद, हरियाणा,लुधियाना, अमृतसर आदि जिलोंं में नकली नोटों को खपा रहा है।पकड़े गए दोनों आरोपियों की पुलिस कॉल डिटेल और सोशल मीडिया एकाउंट भी खंगाल रही है। माना जा रहा है कि दोनों के मोबाइल से अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। दोनों के मोबाइलों को फॉरेंसिक जांच को भी भेजा जाएगा।
लगातार गिरोह में सदस्य जोड़ रहा नफीस, दिखाता है आलीशान जिंदगी के सब्जबाग…
दोनों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का फरार आरोपी नफीस लगातार गिरोह में सदस्यों को जोड़ रहा है। वह गिरोह में युवाओं को जोड़ता है। उन्हें आलीशान जिंदगी का सब्जबाग दिखाकर नकली नोटों को खपाने के लिए कहा जाता है। पुलिस और जांच एजेंसियां गिरोह के फरार सदस्यों का पता लगाने में जुट गई, ताकि गिरोह पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जा सके।
कलीम और तहसीम का निकल चुका आईएसआई कनेक्शन…
पुलिस और एसटीएफ ने शामली के कलीम को आईएसआई एजेंट होने के आरोप में पकड़ा था। आरोप है कि कलीम और उसका भाई तहसीम आईएसआई के संपर्क में थे और कलीम सैन्य क्षेत्रों की जानकारी आईएसआई को भेजता था। कलीम को गिरफ्तार किया जा चुका है।तहसीम को पकड़ने में पुलिस नाकाम है।
60 प्रतिशत तक कमिशन का दिया जाता था झांसा…
दोनों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि नफीस उनसे अधिकतर मोबाइल पर ही बात करता था। वह नकली नोटों को चलाने के बदले 60 प्रतिशत तक कमिशन देता था। मेले और भीड़भाड़ वाले इलाकों में नकली नोटों को चलाया जाता था।
कौन है आईएसआई एजेंट दिलाशाद मिर्जा…
बता दें कि दिलशाद मिर्जा बेग शामली का निवासी था और लगभग ढाई दशक पहले पाकिस्तान भाग गया था। तहसीम और दिलशाद मिर्जा बेग के बीच अगस्त 2020 में चैट्स के डिटेल एसटीएफ को हासिल हुए थे।
गिरोह के सरगना नफीस, तहसीम आदि की तलाश में पुलिस और जांच एजेंसियां जुटी हुई है। गिरोह के संबंध में अहम सुराग हाथ लगे हैं। जल्द ही फरार आरोपी गिरफ्त में होंगे। क्राइम ब्रांच को भी गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में लगाया गया है। – अभिषेक, एसपी शामली