कौन हैं सरवर मलिक जिन्हें बसपा ने लखनऊ लोकसभा सीट से बनाया उम्मीदवार, BJP के राजनाथ सिंह को चुनौती दे पाएंगे या नहीं
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में होगा। इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में बसपा ने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। बुधवार को जारी 13 लोकसभा सीटों में से 2 सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। बसपा ने लखनऊ लोकसभा सीट से सरवर मलिक को प्रत्याशी घोषित किया है। इसके बाद लखनऊ सीट सबसे हॉट सीट की लिस्ट में शुमार हो गई है। इस सीट पर अब त्रिकोणी मुकाबला देखने को मिल सकता है। वहीं मुस्लिम कैंडिडेट घोषित करके बसपा ने सपा को तगड़ा झटका दे दिया है। बता दें, बसपा ने यूपी की 37 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जिसमें लखनऊ समेत 9 सीट मुस्लिम दांव खेला है।
बहुजन समाज पार्टी ने लखनऊ सीट से सरवर मलिक को उम्मीदवार बनाया है। सरवर मालिक लखनऊ की उत्तरी सीट से साल-2022 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं बीते नगर निगम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने बसपा नेता सरवर मलिक की पत्नी शाहीन बानो को लखनऊ मेयर के लिए उम्मीदवार घोषित किया था। उन्हें भी बीजेपी की सुषमा खर्कवाल ने बुरी तरह से शिकस्त दे दी थी। सरवर मलिक की गिनती बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद करीबियों में होती है।
बसपा के दांव से इंडिया गठबंधन को नुकसान…
बता दें, यूपी में 80 लोकसभा सीट होने चलते 7 चरणों में वोटिंग होगी। वहीं लखनऊ लोकसभा सीट के लिए पांचवे फेंज यानी 20 मई को वोटिंग होनी है। बीजेपी ने लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कैंडिडेट घोषित किया है। इसके साथ ही सपा ने विधायक रविदास मेहरोत्रा को उम्मीदवार बनाया है। इसी को देखते हुए बसपा ने लखनऊ सीट पर मुस्लिम दांव खेल दिया है। लखनऊ में ठीक-ठाक मुस्लिम आबादी होने के कारण मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। सरवर मलिक के मजबूत चुनाव लड़ने से इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार रविदास मेहरोत्रा को नुकसान हो सकता है, क्योंकि मुस्लिम में सेंधमारी होने से सपा को घाटा हो सकता है।
राजनाथ सिंह के आगे टिकना मुश्किल…
जानकारों की माने तो लखनऊ सीट में बीजेपी उम्मीदवार राजनाथ सिंह के आगे कोई नहीं टिकने वाला है। राजनाथ सिंह का एक लंबा चौड़ा राजनीतिक इतिहास रहा है। इनके रहते हुए लखनऊ में कई ओवरब्रिज, आउटर रिंग रोड समेत कई विकास से जुड़े काम हुए हैं। वहीं राजनाथ सिंह की छवि कट्टर न होने की वजह से मुस्लिमों उनकी अच्छी पकड़ है। उन्हें मुस्लिम वोट भले ही ज्यादा संख्या में न मिले लेकिन कोई भी खुलकर उनका विरोध नहीं करेगा। लखनऊ में बसपा की तुलना में सपा ज्यादा मजबूत है। इसलिए राजनाथ सिंह को इंडिया गठबंधन के संयुक्त कैंडिडेट रविदास मेहरोत्रा टक्कर दे सकते हैं, लेकिन कांटे की टक्कर जैसा कोई मुकाबला होने की उम्मीद नहीं है।