राजा भइया को भाजपा क्यों लगने लगी अच्छी,अब मोदी की तारीफ करते नहीं थकते
लखनऊ। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया अब तक न तीन में थे और न तेरह में थे। इस बार लोकसभा चुनाव में राजा भइया ने अपने लिए यही अदाकरी तय की थी। राजा भइया ने इस बार न्यूट्रल बने रहने की घोषणा की थी। इस बार राजा भइया की पार्टी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है। पार्टी के कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुला कर राजा भइया ने इस फ़ैसले की घोषणा की थी। इसके बाद से जनसत्ता दल के लोग समाजवादी पार्टी की मदद में जुट गए। जनसत्ता दल के एक ज़िलाध्यक्ष ने तो लिखकर सपा प्रत्याशी का समर्थन कर दिया, लेकिन अब राजा भइया भाजपा की सरकार बनने की भविष्यवाणी करने लगे हैं। राजा भइया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ़ करते नहीं थक रहे हैं।क्या राजा भइया का ह्रदय परिवर्तन हो गया है या फिर अभी से भविष्य की सियासत सेट करने में लग गए हैं।
राजा भइया के एक फ़ैसले ने उन्हें उत्तर प्रदेश की सियासत में दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है।राजा भइया किसी भी हालत में बसपा मुखिया मायावती के साथ नहीं जा सकते हैं। मायावती की सरकार में राजा भइया पर पोटा लगा था और जेल गए थे।ऐसे में राजा भइया के पास दो ही विकल्प बचते हैं। भाजपा और सपा।राजा भइया मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश यादव तक की सरकार में मंत्री रहे।मुलायम तो राजा भइया को अपना बेटा जैसा मानते थे,लेकिन बाद में अखिलेश यादव और राजा भइया के संबंध में जबरदस्त खटास आ गई। 2018 में राज्यसभा चुनाव में राजा भइया ने भाजपा के पक्ष में वोट कर दिया था।इसके बाद से अखिलेश यादव से राजा भइया की बोल चाल भी बंद हो गई।
आखिर क्या चाहते थे राजा भइया
महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राजा भइया की मुलाक़ात बैंगलुरु में हुई,लेकिन ये मुलाकात बेनतीजा रही।राजा भइया के प्रस्ताव पर अमित शाह राजी नहीं हुए।कौशांबी से भाजपा सांसद विनोद सोनकर और प्रतापगढ़ से भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता से राजा भइया का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। राजा भइया चाहते थे कि भाजपा विनोद सोनकर और संगम लाल गुप्ता को टिकट न दे, लेकिन अमित शाह इसके लिए तैयार नहीं हुए।इसके बाद राजा भइया खुद न्यूट्रल हो गए,लेकिन राजा भइया ने अपने समर्थकों को अपने मन से वोट करने लिए कह दिया।इसके बाद समर्थक सपा के लिए जुट गए।उन्होंने कहा कि भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ एंटी इनकंबेसी है वे चुनाव हार सकते हैं।
और अंत में भाजपा का ही साथ
प्रतापगढ़ और कौशांबी में मतदान ख़त्म होने पर राजा भइया झारखंड के देवघर पहुंचे।बहाना ये कि भगवान शिव की पूजा करने पहुंचे हैं।राजा भइया गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे से मिले।मुलाक़ात के बाद राजा भइया पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। राजा भइया ने यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री तो मोदी ही बनेंगे।राजा भइया के समर्थक भाजपा को हराने में जुटे रहे,लेकिन अब राजा भइया खुद कह रहे हैं कि सरकार तो भाजपा की ही बनेगी।
समर्थन देने बावजूद राजा भइया को नहीं मिला पाॅजिटिव रिस्पांस
समर्थन देने के बावजूद अखिलेश यादव की तरफ़ से कोई पॉज़िटिव रिस्पांस नहीं आया तो क्या ऐसे में राजा भइया घर वापसी का रास्ता तलाश रहे हैं।घर वापसी का मतलब भाजपा का साथ और सहयोग।कहीं ऐसा तो नहीं है कि राजा भइया को लग रहा है सरकार भाजपा की बन रही है।ऐसे में भाजपा से बैर रखना ठीक नहीं है।