यूपी, बिहार, पंजाब और हरियाणा के लड़के लॉरेंस बिश्नोई की गैंग में आखिर क्यों करना चाहते हैं काम
लखनऊ। लॉरेंस बिश्नोई यह एक ऐसा नाम है जिसे शायद ही कोई न जानता हो।पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी लाॅरेंस बिश्नोई का नाम खूब सुर्खियों में छाया था।इसी की गैंग पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप लगा था। बरहाल लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद है,लेकिन जेल में रहने के बाद भी पूरी गैंग एक्टिव है।इसी साल 14 अप्रैल को फिल्म अभिनेता सलमान खान के घर पर भी इसी की गैंग ने फायरिंग करवाई और अब एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में भी एक बार फिर लॉरेंस का नाम सामने आया है।
लॉरेंस का साम्राज्य 11 राज्यों और विदेश में छह देशों तक फैला है।आगे भी इसे और फैलाने का काम लॉरेंस के गुर्गे कर रहे हैं।लॉरेंस जेल में रहकर भी बेखौफ होकर अपनी गैंग को चला रहा है।इसके कुछ खास गुर्गे हैं,गोल्डी बराड़,काला जठेड़ी,रोहित गोदारा,सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू और भाई अनमोल बिश्नोई।
ये वो लोग हैं जो लाॅरेंस के साम्राज्य का विस्तार देश-विदेश में कर रहे हैं,लेकिन दुख की बात ये है कि अपना गुंडाराज चलाने के लिए ये उन लोगों को अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं, जो या तो गरीब घर से होता है या इनके नाम से खूब प्रभावित हुआ होता है। लाॅरेंस के ज्यादातर शूटर्स कम उम्र के होते हैं। 18 साल से लेकर 25 साल के युवाओं को लाॅरेंस सबसे ज्यादा टारगेट करता है।
सिद्धू मूसेवाला केस की बात करें तो उस केस में पुलिस ने 25 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था,जबकि 34 नामजद आरोपी थे।इनमें प्रियव्रत फौजी,अंकित,केशव, मनप्रीत मानू,जगरूप रूपा,कशिश,कपिल और दीपक मुंडी जैसे कई युवा लड़के शामिल थे।सभी आरोपी पंजाब,दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र के थे।वहीं अगर सलमान खान के घर पर फायरिंग करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) बिहार से ताल्लुक रखते हैं।दोनों शूटर बिहार के पश्चिमी चंपारण के नरकटिया तहसील के मसही गांव के रहने वाले हैं।बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के आरोपी धर्मराज कश्यप, शिवकुमार गौतम, जीशान अख्तर और गुरमेल सिंह हैं।ये यूपी, हरियाणा और पंजाब के हैं।
लॉरेंस गैंग सोशल मीडिया के जरिए शूटर्स को हायर करता है। ये कोई प्रोफेशनल शूटर नहीं होते हैं।इन लोगों को ज्यादा पैसों का लालच या विदेश भेजने के नाम पर अपनी गैंग में शामिल किया जाता है।कई युवा ऐसे भी होते हैं जिन्हें डरा धमका कर भी लॉरेंस के गुर्गे अपनी गैंग में शामिल कर लेते हैं,ताकि अपने खौफनाक मंसूबों को इनके जरिए अंजाम दे सकें।इसी तरह ये लोग अपना साम्राज्य फैलाते जा रहे हैं।देखा जाए तो इन शूटर्स का एक तरह से इस्तेमाल किया जाता है।इनमें से अधिकतर युवा ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते और कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो लॉरेंस की गैंग में शामिल होकर उसके नाम का सहारा लेते हैं और बेखौफ होकर दबंगई दिखाते हैं।वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ कम समय में ज्यादा पैसा कमाने और विदेश जाने के चक्कर में इस तरह की गैंग में शामिल हो जाते हैं।
सोशल मीडिया इंस्टाग्राम,फेसबुक और अन्य प्लैटफॉर्म पर लॉरेंस और इससे जुड़े गैंग के अहम सदस्यों के नाम से पेज, ग्रुप और प्रोफाइल बने हुए हैं।किसी भी पोस्ट पर लाइक व कमेंट करने वालों में से कुछ युवकों की पहचान कर गिरोह के लोग संपर्क करते हैं।फिर इनकी डिटेल लेकर गैंग में शामिल कर लिया जाता है।इसके साथ ही गैंग के अहम शूटरों की रिकमेंडेशन को भी तरजीह देकर बतौर शूटर शामिल कर लिया जाता है। जेल में किसी साथी बदमाश से मुलाकात के बाद शूटर उनकी रिकमेंडेशन गिरोह के लिए करते हैं।
किसी वारदात से पहले शूटरों की लिस्ट तैयार की जाती है। फिर इन शूटरों को वारदात के लिए वाहन और रुपयों की मदद के लिए कोई संपर्क दिया जाता है,जिससे संपर्क कर ये हथियार और वाहन लेते हैं।इसके साथ ही वारदात के लिए विदेशी और ऑटोमेटिक पिस्टल भी इन तक पहुंचाई जाती है।
पिस्टल सप्लाई करने वाले को तय समय और स्थान बताया जाता है। शूटर को भी उसी समय पर उस जगह भेजा जाता है। फिर वहां पर सप्लायर शूटर को हथियार और गोलियां सौंप देता है। शूटर को सख्त हिदायत दी जाती है कि वारदात के बाद ये हथियार किसे वापस पहुंचाना है।लॉरेंस बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं और जय बलकारी उसकी गैंग का नारा है।इसमें 300 के करीब शूटर अकेले पंजाब से हैं। बाकी देश के अलग-अलग राज्यों से हैं।