सिर पर बांधी पगड़ी और बाइक पर रखी लाश; दो भाइयों ने मालिक की हत्या कर 20 किमी दूरी तय कर ठिकाने लगाया शव
लखनऊ के आलमबाग के रामनगर में किरायेदार दो सगे भाइयों ने एक वृद्ध मकान मालिक व कारोबारी की हत्या कर दी। इसके बाद शव शारदा नहर में फेंक दिया। पुलिस ने मंगलवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वृद्ध उनसे मकान खाली करवाने की तैयारी में थे। इसे लेकर झगड़ा हुआ था।
इसके बाद दोनों ने वारदात अंजाम दे डाली। पुलिस गोताखोरों की मदद से नहर में शव की तलाश करवा रही है। आशियाना के एल्डिको उद्यान निवासी वीरेंद्र नरूला (70) के दोनों बेटे सिद्धार्थ व गौरव अलग-अलग शहरों में रहकर नौकरी करते हैं। उनका पुराना मकान आलमबाग के रामनगर इलाके में हैं, वहां पर एक परिवार किराये पर रहता है। 11 अगस्त को दोपहर वीरेंद्र ने पत्नी अमला से कहा था कि वह किराया लेने बाइक से जा रहे हैं।
फिर वह नहीं लौटे। सोमवार को मामले में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने किरायेदार सुखविंदर उर्फ विक्की व उसके भाई अजीत को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकारा कि दोनों ने वीरेंद्र की हत्या कर शव गोसाईंगंज में शारदा नहर में फेंक दिया। सुखविंदर प्रॉपर्टी डीलर है, जबकि अजीत सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम करता है।
दो साल से नहीं दिया था किराया
पुलिस की जांच में सामने आया कि 14 साल से सुखविंदर का परिवार किराये पर रहता है। उसके पिता हरबंश नशे के लती हैं। मां कहीं बाहर गई थीं। 11 अगस्त को दोनों भाई ही घर पर थे। करीब दो बजे दोपहर को वीरेंद्र एक ब्रोकर को लेकर वहां पहुंचे थे।
मकान देखकर ब्रोकर चला गया था। वीरेंद्र फिर घर गए। तब सुखविंदर व अजीत उनसे झगड़ने लगे। दो साल से किराया न देने की वजह से वीरेंद्र मकान खाली करवाकर दूसरे को देने की तैयारी में थे। इसी बात पर विवाद और फिर मारपीट हुई। तभी उनकी हत्या कर दी।
सिर पर पगड़ी बांधी, बाइक पर बीच में रखा शव, 20 किमी दूरी तय कर ठिकाने लगाया…
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 11 अगस्त की दोपहर करीब तीन बजे वीरेंद्र की हत्या की। इससे पहले मारपीट के दौरान उनको दीवार से लड़ा दिया। करीब दो घंटे तक बेहोश रहने के बाद उनकी सांसें थम गईं।
वीरेंद्र नरूला की हत्या कर तकरीबन 12 घंटे तक शव घर में रखे रहे। समझ नहीं पा रहे थे कि शव कैसे और कहां ठिकाने लगाएं। इस दौरान फर्श पर फैला खून धुला। पगड़ी बांधने से पहले शव को भी अच्छे से साफ किया। फिर साजिश रची।
वीरेंद्र के शव के सिर पर पगड़ी बांधी। बाइक में शव को बीच इस तरह से रखा, जैसे कोई बैठा हुआ है। एक आरोपी ने बाइक चलाई और दूसरा शव को पकड़े रहा। करीब 20 किमी की दूरी तय कर देर रात गोसाईंगंज पहुंचे और नहर में शव फेंककर लौट आए। इस दौरान कहीं पर पुलिस ने उनको नहीं रोका। ऐसे में रात के वक्त पुलिस की सक्रियता पर भी सवालिया निशान लगा है।
घर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज कर दिए डिलीट…
वीरेंद्र के घर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने जब कैमरे खंगाले तो पता चला कि फुटेज डिलीट कर दिए गए। इस बारे में आरोपियों ने बताया कि उनको पता था कि सीसीटीवी अहम सुबूत है, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान वीरेंद्र के पुराने घर के पास लगे कैमरे खंगाले।
इसमें दिखा कि वीरेंद्र व एक अन्य शख्स एक साथ घर जाते हैं। फिर दोनों बाहर जाते दिखे। कुछ देर बाद वीरेंद्र दोबारा घर की ओर जाते नजर आए। लेकिन, नहीं लौटे। यहीं से शक गहराया। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। वारदात में कोई और भी शामिल है या नहीं। इसको लेकर भी पड़ताल जारी है।
किसी और की भूमिका है या नहीं…जांच जारी
डीसीपी पूर्वी ने बताया कि मामले में आरोपी हिरासत में लिए गए हैं। पूछताछ की जा रही है। वारदात में कोई और भी शामिल है या नहीं, इसको लेकर भी पड़ताल जारी है। साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।