भूमाफियाओं की सह पर पुलिस और प्रभा देवी का ताला तोड़कर बेसकीमती विवादित भवन में घुसे कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह
काली कोट की आड़ में जमीन और मकान हथियाने का हो रहा प्रतापगढ़ में खेल
प्रतापगढ़। प्रयागराज अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुराना मालगोदाम रोड के बगल रक्षाबंधन से एक दिन पहले सूरज जायसवाल पुत्र स्व लाल चंद्र जायसवाल, निवासी- भनईपुर, थाना- आसपुर देवसरा, जनपद- प्रतापगढ़ ने मुख्यमंत्री जी को दिनांक- 18 अगस्त को शिकायती पत्र प्रेषित कर कोतवाली नगर स्थित प्रयागराज अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपनी बेशकीमती भूमि और भवन की सुरक्षा की गुहार लगाई। परन्तु कथित अधिवक्त सुभाष सिंह उसके मकान में ताला तोड़कर काम करने वाले कई मजदूरों के साथ घुस गए। कथित अधिवक्ता महोदय के हाथ में कुल्हाड़ी थी, जिसे वह बार-बार तानते थे और काट डालने की धमकी भी देते रहे।
मुख्यमंत्री और जिले के कप्तान से शिकायत के बाद भी नहीं मिला पीड़ित को कोई लाभ
पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित जिले के पुलिस कप्तान से शिकायत की, फिर भी कथित अधिवक्ता महोदय अपने अधिवक्ता होने के फायदा उठाया और पुलिस के पहुँचने पर बीच सड़क पर हाई बोल्टेज ड्रामा करने लगा।कथित अधिवक्ता को आगे करके भूमाफियाओं ने इस बार नया दाँव खेला। इस बार विवाद वाले स्थल से हटकर बीच वाले कमरे में धावा बोला गया। कमरा तोड़कर साफ सफाई करने की सूचना पर दूसरे पक्ष के आने से आपातकालीन सेवा UP112 को बुलाना पड़ा। हंगामा कर रहे कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह को चौकी इंचार्ज भंगवा ले गए। बाद में दूसरा पक्ष भी आया और देर रात उस पक्ष पर कोतवाली नगर में मुकदमा लिखा गया जो मौका पर नहीं था।
भू-माफियाओं के आगे नतमस्तक प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन और पुलिस महकमा
उक्प्रत प्रकरण की शिकायत प्रभा देवी पत्नी फूलचंद्र निवासी- भनईपुर, थाना-आसपुर देवसरा, जनपद-प्रतापगढ़ ने भी किया। प्रभा देवी का एक मकान संख्या- 452, सहोदरपुर पश्चिमी, थाना- कोतवाली नगर, जिला प्रतापगढ़ के बन्द मकान पर कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह जबरन ताला तोड़कर कब्जा कर लेने की सूचना पर उसकी देवरानी का लड़का मौके पर गया था, जिसे कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह कुल्हाड़ी लेकर दौड़ा लिया था। पुलिस के आने पर कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह उल्टे सड़क पर लोटने लगे ताकि उनकी नौटंकी से पुलिस प्रशासन परेशान हो जाए। इनके साथियों के दबाव में पीड़ित पक्ष के खिलाफ ही कोतवाली नगर पुलिस गंभीर धाराओं में फेंक मुकदमा लिख देती है।
पीड़ित पक्ष मौके पर पहुँचे तो पुलिस के सामने कुल्हाड़ी लेकर उन्हें काट डालने के लिए दौड़ाते रहे कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह
प्रतापगढ़ के कथित अधिवक्ता महोदय का आचरण ऐसा है, जिसे देखकर नहीं लगता कि वह एक अधिवक्ता हैं। आखिर कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह हाथ में कुल्हाड़ी लेकर किसे मारना चाहते हैं ? सड़क पर तमाशा क्यों कर रहे हैं ? एक अधिवक्ता अपनी लड़ाई कानूनी तरीके से लड़ता है, न कि सड़क पर नौटंकी करता है। कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह पुलिस से स्वयं के लिए स्थगनादेश की माँग रहे हैं। अदालत में मुकदमा विचाराधीन होने की बात स्वीकार भी कर रहे हैं। ऐसे में विवादित भवन में जबरन कुल्हाड़ी लेकर कब्जा करना कानून को हाथ में लेने जैसा है। फिर कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह ऐसा करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं ?
भंगवा पुलिस चौकी प्रभारी अंकित श्रीवास्तव ने लिखाया कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह पर एनएच जाम करने का मुकदमा
प्रतापगढ़ कोतवाली नगर पुलिस को कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह कोई तवज्जों नहीं देते। पुलिस के सामने ही प्रभा देवी के बंद मकान को तोड़कर कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह घुस गये। ये वही विवादित भवन जिसमें दो महीने तक पुलिस पहरा देती रही। तत्कालीन सीओ सिटी अभय पांडेय द्वारा पुलिस से एक ताला अपना बंद करवा दिया था। एक ताला प्रभा देवी ने लगा रखा था। फिर भी दोनों ताले कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह तोड़कर विवादित भवन में घुस गए। अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह सड़क पर ही लोटने लगे। ऐसा ड्रामा किया कि घंटों राष्ट्रीय राजमर्ग- 330 बाधित रहा। मजबूर होकर पुलिस चौकी भंगवा चुंगी इंचार्ज ने एक मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रतापगढ़ जनपद में भू-माफियाओं द्वारा जिला प्रशासन और पुलिस महकमें से सांठगांठ करके किया जाता है, खेल…
विवाद की बात पुलिस के सामने मौके पर ही कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह भी स्वीकार रहे हैं, फिर भी कुल्हाड़ी लेकर घंटो सुभाष सिंह हाई बोल्टेज ड्रामा करते रहे। साल-2022 में जब दोनों पक्षों में विवाद हुआ था, तब 2 महीने से अधिक समय तक पुलिस मौके पर 24 घण्टे उक्त विवादित भवन की रखवाली करती थी। फिर भी कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह दोनों ताला यह कहकर तोड़ दिया कि ताले की चाभी उनकी खो गई थी। मजेदार बात यह रही कि जब कथित अधिवक्ता सुभाष सिंह का ताला उक्त विवादित भवन में लगा ही नहीं था तो उसकी चाभी कैसे गायब हो गई ? इससे साफ हो गया कि सुभाष सिंह अपने अधिवक्ता होने का लाभ लेना चाहते हैं।