देखते ही देखते सरयू की धारा में समा गया मकइया बाबा का मंदिर,ग्रामीणों की आस्था का था केंद्र
बलिया।उत्तर प्रदेश के बलिया में सरयू नदी की लहरों ने मंगलवार सुबह जमकर तांडव मचाया।तेज गर्जन के साथ सरयू की लहरें चलने लगीं। सरयू के मुहाने पर गणेश यादव, शिवजी यादव,मुखराम यादव,महेश यादव आदि गोपालनगर टाड़ी निवासियों में अफरा-तफरी मच गई।कुछ ही देर में मकइया बाबा स्थान का 100 साल पुराना पीपल का पेड़ सरयू की धारा में समा गया।सरयू की तेज लहरें मकइया बाबा मंदिर से टकराने लगी।एक घंटे के अंदर मकइया बाबा का मंदिर सरयू की धारा में समा गया।
मकइया बाबा का मंदिर गोपालनगर के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र था।यहां तरह- तरह के अनुष्ठान हुआ करते थे। दियारा वासियों का कहना है कि अब वो दिन दूर नहीं जब दियारा का नामोनिशान मिट जाएगा। यहां किसानों का सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि एक माह के अंदर नदी में विलीन हो चुकी है।किसानों की शिकायत है कि मुआवजे के नाम पर अब तक एक रुपया नहीं मिला है।
इस बाबत उपजिलाधिकारी बैरिया ने बताया कि जिन किसानों ने अपने आराजी नंबर के साथ शिकायत की है उन्हें मुआवजा दिया गया है,जो किसान खतौनी के साथ शिकायत कर रहे हैं उनको नियमानुसार मुआवजा दिलवाया जा रहा है। अब तक 40 किसानों को प्रति हेक्टेयर 47 हजार रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया गया है। 20 लोगों को मुआवजे के लिए जांचोपरांत चिन्हित किया गया है उन्हें भी जल्द मुआवजा मिलेगा।