माफिया अतीक अहमद से 33 सालों से लोहा ले रही महिला, पति और भाई की हत्या के बाद भी नहीं मानी हार
प्रयागराज एक समय था जब माफिया अतीक अहमद की तूती बोलती थी। जमीन कब्ज़ा, अपहरण, हत्या के लिए कुख्यात अतीक के गुर्गों ने उत्तर प्रदेश में तबाही मचा रखी थी। ऐसे एक महिला जो पिछले 33 सालों से अतीक से लड़ रही है। मामला है साल 1989 जब अतीक अहमद ने प्रयागराज के झालना इलाके में बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा की साढ़े बारह बीघे जमीन पर कब्ज़ा कर लिया था। विरोध करने पर उसने बच्चा कुशवाहा को गायब करवा दिया जिसका आज तक पता नहीं चला. तब से, सूरज कली पिछले 33 सालों से अतीक अहमद के गुर्गों से अकेले टक्कर ले रही हैं. वहीं, जमीन की लड़ाई में उनके और उनके बेटे पर गोली भी चली. वह अपनी साढ़े बारह बीघा पुश्तैनी जमीन बचाने के लिए पुलिस और अदालत के चक्कर काट रही है. पीड़िता सूरजकली ने हमारे न्यूज़18 के रिपोर्टर शालिनी कपूर तिवारी को अपने 33 वर्षों की दुख भरी वेदना सुनाई.झलवा के रहने वाले बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा की पत्नी जयश्री उर्फ सूरज कली की आज उम्र 60 साल हो गई है। जब अतीक अहमद ने जमीन कब्जाया था तब उनकी उम्र मात्र 27 साल थी।
अतीक अहमद ने उनके पति को गायब करा दिया था और उनकी पुश्तैनी जमीन पर शिवकोटी सहकारी समिति बना कर उनकी सारी जमीन अपने नाम करवा ली थी। सुरेश चंद्र दुबे और कृष्णकांत दुबे को सचिव बना कर धीरे-धीरे उन जमीनों को बेचना शुरू कर दिया। आज बमुश्किल सिर्फ एक बीघा जमीन बची हुई है. इस जमीनों की कीमत वर्तमान में खरबों रुपये में है. हालांकि, बाद में सुरेश चंद्र दुबे की हत्या करवा दी गई थी। सूरज कली आज भी उम्मीद को छोड़े बिना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। सूरज कली के मुताबिक उनकी साढ़े बारह बीघा पुश्तैनी जमीन पर तब आम और अमरूद के बाग थे। खाली जमीन पर खेती होती थी। आज इन जमीनों पर बड़े-बड़े घर बन चुके हैं। यह जमीन झलवा इलाके में इंडियन आयल डिपो के ठीक सामने स्थित है। इलाके का लेखपाल मानिक चंद्र श्रीवास्तव ने सबसे पहले सूरज कली को यह जानकारी दी थी कि शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम तुम्हारी जमीन दर्ज हो गई है।
यह खबर मिलते ही सूरजकली पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा, पहले उनके पति गायब हुए और अब उनकी जमीन, उन्होंने अतीक अहमद के कार्यालय पहुँच कर शिकायत दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन वहां, उन्हें मदद के बजाय धमकी ही मिली। अतीक अहमद ने उन्हें बताया कि उनका पति जमीन को उसके नाम कर गायब हो गया। अतीक ने आगे बताया कि अब वह (पति) नहीं रहा इसलिए तुम्हारी देखभाल की जिम्मेदारी मेरी है। हालांकि, सूरजकली के विरोध करने पर उन्हें भी गायब करने की धमकी दी गई। सूरजकली ने धूमनगंज थाने में अतीक अहमद के खिलाफ केस दर्ज करवाया। वह लगातार थाने और तहसील जाती रहीं, लेकिन वहां सरकार में बैठे अधिकारी अतीक अहमद और उसके गुर्गे के खिलाफ करवाई करने को तैयार नहीं थे. तभी 2002 में एक फर्जी मुख़्तारनामा (कबूलनामा) मिला जहां लिखा गया था कि सूरजकली ने अतीक अहमद को अपना देखभाल करने (मुख्तारआम) वाला माना था. लेकिन 2007 में बसपा सरकार आने के बाद सूरजकली को उम्मीद दिखी जब जमीन की कार्बन सेलिंग रसीद नहीं मिलने के चलते सहकारी आवास समिति के नामांतर को निरस्त कर दिया गया और जमीन को उनके नाम दर्ज कराया गया. मामले में जांच हुई और साल-2005 में तहसीलदार का फर्जीवाड़ा सामने आया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अतीक अहमद के गुर्गों ने कई बार सूरजकली को धमकाया और जान से मरने की धमकी दी. वहीं, सूरजकली ने आरोप लगाया कि उनके भाई प्रह्लाद कुशवाहा को करंट से मार दिया गया। वहीं, साल 2016 में उनपर और उनके बेटे पर दिनदहाड़े गोलियां चलीं जिनमें उनके पीठ पर दो गोलियां और उनके बेटे के पैर में एक गोली लगी।
आज भी उनके घर के दरवाजे पर गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं। एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अतीक अहमद ने फोन कर उन्हें धमकी दी कि मान जाओगी तो ख्याल रखेंगे वरना पति की तरह गायब करा देंगे. अतीक अहमद के डर से उन्होंने इलाज के लिए दूसरे अस्पताल की तरफ रुख किया। सूरजकली ने न्यूज़18 के रिपोर्टर शालिनी कपूर तिवारी से बताया कि पिछले 33 सालों में उनपर अतीक अहमद की तरफ से कई बार हमले हुए, 7 बार उनपर गोलियां चली और और दर्जनों बार मारपीट की गई है और प्रताड़ित किया गया। हालांकि, हाल में प्रयागराज में उमेश पाल शूटआउट के बाद से सूरज कली भी बेहद डरी सहमी हैं. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी और उनके वकील के के मिश्रा की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। ताकि वह माफिया के खिलाफ निडर हो कर कानूनी लड़ाई लड़ सकें.वहीं, सूरजकली के वकील के के मिश्रा के मुताबिक सूरत कली की ओर से कुल 4 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। लेकिन इन मुकदमों में से ज्यादातर में पुलिस की विवेचना पूरी नहीं हुई है। अतीक और अशरफ को छोड़कर अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि लंबित मामलों की जल्द से जल्द विवेचना करा कर ट्रायल शुरू करवाने की मांग की। सूरज कली के वकील के मुताबिक प्रशासन की ओर से सुरक्षा में 2 जवान तैनात हैं, लेकिन यह सुरक्षा पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही सूरज कली के दो बेटों ने लाइसेंसी असलहे के लिए डीएम को आवेदन किया था, लेकिन साल-2020 में किए गए आवेदन पर अब तक शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत नहीं किया गया है।