यूट्यूबर मनीष कश्यप ने लखनऊ में पॉवर स्टार पवन सिंह से की मुलाकात,मुलाकात के सियासी चर्चे
लखनऊ। बिहार के विख्यात यूट्यूबर मनीष कश्यप ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में भोजपुरी पॉवर स्टार पवन सिंह से मुलाकात की।दोनों की मुलाकात को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं।बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच दोनों की मुलाकात के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।पवन सिंह और मनीष कश्यप की सियासी शुरुआत चर्चा में है।मगर मनीष कश्यप ने भाजपा को टाटा-टाटा बाय-बाय बोल दिया है।पवन सिंह का भी पहला चुनाव सफल नहीं रहा था। अब दोनों की इस मुलाकात के असर से आगे क्या होगा,ये देखने वाली बात है। सियासी पंडित मनीष कश्यप और पवन सिंह की मुलाकात को नए तरह के गठबंधन के तौर पर देख रहे हैं।चर्चा है कि क्या दोनों मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं।मनीष पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे।दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सांसद मनोज तिवारी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था,लेकिन कुछ ही समय बाद मनीष कश्यप ने भाजपा से टाटा-टाटा बाय-बाय कर लिया।मनीष ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।मनीष के समर्थक उन्हें चुनाव मैदान में उतरते देखना चाहते हैं,मनीष भी इशारा दे चुके हैं, लेकिन क्या मनीष किसी पार्टी से चुनावी मैदान में उतरेंगे या निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरेंगे।
इस बीच मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की। फोटो में मनीष,पवन सिंह और उनकी मां हैं।पवन की मां मनीष कश्यप और पवन सिंह को आशीर्वाद दे रही हैं। इस तस्वीर को लेकर पवन सिंह के प्रशंसक इसे सामाजिक प्रभाव बढ़ाने का तरीका बता रहे हैं। राजधानी लखनऊ में पवन सिंह और मनीष कश्यप की हुई मुलाकात को कुछ लोग आने वाले समय में सियासी गतिविधियों का इशारा मान रहे हैं।अभी यह साफ नहीं है कि पवन सिंह और मनीष कश्यप में क्या बात हुई।माना जा रहा है कि बिहार की सियासत जरूर इस बातचीत के केंद्र में रही होगी।हालांकि मनीष कश्यप के समर्थक इस मुलाकात को उनके नए सियासी सफर की शुरुआत मान रहे हैं। पवन सिंह के प्रशंसक इसे मनीष कश्यप का सामाजिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।मनीष सोशल मीडिया पर बहुत फेमस हैं। मनीष बिहार में सरकारी विभागों और सरकारी कामों में भ्रष्टाचार होने का दावा करके सोशल मीडिया पर फेमस हुए थे।
बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।इससे पहले मनीष कश्यप ने एक वीडियो में कहा कि मेरे इस फैसले से कुछ लोग खुश होंगे,तो कुछ लोग दुखी भी होंगे।मनीष ने इसे लेकर लोगों से राय भी मांगी है।मनीष ने पूछा कि उन्हें कहां से चुनाव लड़ना चाहिए,किसी पार्टी से चुनाव लड़ना चाहिए या अकेले ही चुनाव लड़ना चाहिए।मनीष ने आगे कहा कि वह अपने इलाके में गए थे,बहुत सारे क्षेत्रों का दौरा किया।वहां लोगों से मुलाकात की।अब वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उन्हें बिहार के लिए लड़ना है।पलायन रोकने के लिए लड़ना है। इसका मतलब है कि मनीष बिहार से लोगों का दूसरी जगह जाना रोकना चाहते हैं। मनीष कश्यप और पवन सिंह दोनों में एक समानता है।दोनों ने ही भाजपा छोड़ी है।लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि मनीष कश्यप और पवन सिंह आगे क्या करेंगे।बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।ऐसे में मनीष और पवन की मुलाकात क्या कोई नई राह खोलेगी या लखनऊ की मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार भेंट ही थी,इसका उत्तर समय ही देगा।