चंद्रयान-3 मिशन में गाजीपुर के इस वैज्ञानिक का भी है योगदान, परिजनों और गांव वालों में जबरदस्त का उत्साह
गाजीपुर। चंद्रयान-3 साॅफ्ट लैंडिंग पर आज पूरे विश्व की निगाहें गड़ी हैं। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग आज शाम 6:04 बजे होने वाली है। इसको लेकर पूरे देश में जबरदस्त खुशी का माहौल है। चंद्रयान-3 में जिन 12 लोगों का सबसे अहम रोल है, उनमें से एक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेवतीपुर गांव के रहने वाले कमलेश शर्मा भी हैं। कमलेश ने मंगलयान की लैंडिंग में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी,जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कमलेश को बधाई दी थी।
स्कूल-कॉलेज के छात्रों में दिखा गजब जबरदस्त उत्साह…
आज जहां पूरे देश में चंद्रयान-3 को लेकर उत्साह है, वहीं पूर्वांचल के गाजीपुर जिले के रेवतीपुर गांव में भी जबरदस्त उत्साह है।रेवतीपुर में नेहरू विद्यापीठ इंटर कॉलेज के छात्रों में भी जबरदस्त उत्साह आज देखने को मिला।स्कूल-कॉलेज के छात्र भले ही कमलेश शर्मा को सामने से ना देखा हो, लेकिन उन्हें इस बात का गर्व है कि जिस सॉफ्ट लैंडिंग का गवाह आज पूरा भारत बनने वाला है, उस लैंडिंग में उनके गांव रेवतीपुर का भी योगदान है।छात्राओं ने बताया कि कमलेश शर्मा हम लोगों के चाचा लगेंगे। हम लोगों ने उन्हें भले ही ना देखा हो,लेकिन आज जो उन्होंने काम किया है, उससे आज हमारे गांव का नाम पूरे भारत के लोग जान पाएंगे।
गांव में ही हुई कमलेश शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा…
ग्राम प्रधान राकेश राय ने बताया कि कमलेश शर्मा बचपन से ही काफी जीनियस छात्र रहे हैं और वह मैथमेटिक्स के जानकार थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई है। वहीं उनके पिता अधिवक्ता हैं और मौजूदा समय में वह लखनऊ में निवास कर रहे हैं,लेकिन आज रेवतीपुर गांव उनका एक परिवार है और परिवार की खुशियां सभी लोग मिलजुल कर मना रहे हैं।इतना ही नहीं चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर उनके गांव में हवन-पूजन भी किया गया और मां भगवती से यह कामना की गई कि चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग करे, जिससे भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिल सके।
इन अहम सैटेलाइट मिशन में भी कमलेश शर्मा रह चुके हैं हिस्सा…
बता दें कि पिछले लगभग 10 सालों में कमलेश शर्मा ने अनेक सैटेलाइट मिशन में भाग लिया। इनमें मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान), कार्टोसैट-1, ओशनसैट-2, हैमसैट, कार्टोसैट-2ए, इंडिया और फ्रांस के ज्वाइंट वेंचर सेटेलाइट, मेघा ट्रोपिक-1 सेटेलाइट के सफल प्रक्षेपण में अहम भूमिका रही है। बंगलूरू के इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इसट्राक) में मंगलयान की सफलता पर कमलेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाबाशी भी दी थी।