बात सुन लेता अब्दुल्ला, तो चारों जिंदा होते, इकलौते बेटे की मौत पर मां के मुंह से निकला, या खुदा मेरे…
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पूरनपुर में असम हाईवे के किनारे खड़े मिनी ट्रक (डीसीएम) से टकराने पर कार सवार लखनऊ के मोहल्ला खदरा निवासी अब्दुल्ला, उनकी पत्नी साइमा और दो चचेरी बहनों की मौत हो गई। सेहारामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र में कजरी निरंजनपुर के पास रविवार तड़के तीन बजे हुए हादसे में अब्दुल्ला की बेटी और चचेरा भाई घायल हो गए। ये लोग नैनीताल घूमने जा रहे थे। अब्दुल्ला लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल में अकाउंटेंट थे। तीन साल पहले उनकी शादी उन्नाव की साइमा राहत उर्फ अमरीन से हुई थी। अब्दुल्ला पत्नी, आठ माह की बेटी अभीया, चाचा नसीम की बेटी बुतुल और दूसरे चाचा इजहार की बेटी मरियम और बेटे आमीन के साथ नैनीताल जाने के लिए शनिवार रात 11 बजे लखनऊ से ऑल्टो कार से निकले थे। रविवार की छुट्टी में घूमने के लिए परिवार को पहले पीलीभीत में चूका बीच जाना था। शाहजहांपुर जिले की सीमा से तीन किलोमीटर आगे निकलने के बाद गांव कजरी निरंजनपुर के पास कार हाईवे किनारे खराब खड़े मिनी ट्रक से टकरा गई। सूचना पर पहुंची पुलिस को कार में अब्दुल्ला की बेटी अभीया और आमीन (18) ही जिंदा मिले। कार चला रहे अब्दुल्ला (26), पत्नी साइमा (23), बुतुल (21) और मरियम (22) की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने घायल अभीया और आमीन को पहले सीएचसी और वहां से जिला अस्पताल भिजवाया। बाद में उन्हें लखनऊ ले जाया गया। पीलीभीत पहुंचे चाचा नसीम ने बताया कि सुबह आठ बजे अब्दुल्ला के फोन से की गई कॉल से ही उन्हें हादसे की सूचना मिली।