कानपुर पुलिस एक बार फिर चर्चा में:पुलिस की लापरवाही,कूड़ेदान में मिली महिला अपराधों से जुड़ी फाइल,दरोगा समेत दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
कानपुर। पुलिस ही जनता के बीच सरकार और शासन का चेहरा होती है। पुलिस कर्मियों का नागरिकों के साथ व्यवहार बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि अच्छा व्यवहार ही अच्छे इंसान की पहचान होती है। कुशल एवं बेहतर व्यवहार से पुलिस की छवि निखरती है,लेकिन लगातार सुर्खियों में बनी रहने वाली कानपुर कमिश्नरेट पुलिस एक बार फिर चर्चा में है। महिला अपराधों को लेकर कानपुर कमिश्नेट पुलिस कितनी गंभीर है।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सोमवार को खुद पुलिस आयुक्त ऑफिस में देखने को मिला। पुलिस आयुक्त ऑफिस परिसर में स्थित महिला अपराध शाखा कार्यालय के बाहर कूड़ेदान में महिला अपराधों से जुड़ी फाइलें, लिफाफे में बंद प्रार्थना पत्र व अन्य कागजात पड़े मिले।इसकी सूचना पाकर पाकर खुद पुलिस आयुक्त रामकृष्ण स्वर्णकार ने मौके पर पहुंच कर जांच की। इसके बाद महिला अपराध शाखा में तैनात दरोगा समेत दो पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
पुलिस आयुक्त रामकृष्ण स्वर्णकार सोमवार दोपहर अचानक ऑफिस में स्थित विभिन्न कार्यालयों को निरीक्षण करने निकल पड़े। सीपी मातहतों के साथ आईजीआरएस, रिट सेल आदि कार्यालयों का हाल देख रहे थे। उसी दौरान महिला अपराध शाखा के बाहर कूड़ेदान में कुछ फाइलें और करीब दो सौ बंद लिफाफे पड़े होने की उन्हें खबर मिली। सीपी फौरन मौके पर पहुंचे और जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी समेत कई अफसरों को मौके पर बुलाकर जांच की।
सीपी ने महिला अपराध शाखा में तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की।फाइलों और कागजातों को कूड़ेदान के निकाल कर देखा गया तो फाइल और लिफाफा बंद दस्तावेज महिला अपराध शाखा से जुडे मिले। सीपी ने पुलिस उपायुक्त अमिता सिंह और महिला अपराध शाखा में तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की।सीपी ने पुलिस उपायुक्त महिला अपराध अमिता सिंह को जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
पुलिस उपायुक्त अमिता सिंह ने बताया कि मामले में महिला अपराध शाखा में तैनात दरोगा सुरेश सिंह रजावत और महिला सिपाही नीतू सिंह को प्रारंभिक जांच में दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है। बाकी मामले की जांच की जा रही है, जो और दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह लापरवाही का मामला है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही शहर के विकास भवन में समाज कल्याण विभाग की फाइलें और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज कबाड़ी की दुकान पर और कूड़े के ढेर में मिली थीं। उस मामले में सीडीओ सुधीर कुमार ने गंभीरता से जांच कराई थी, तो एक सफाईकर्मी के खिलाफ जहां एफआईआर हुई थी, वहीं एक बाबू को सस्पेंड किया गया था।अब देखना यह होगा, कि पुलिस आयुक्त ऑफिस से जो इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई, उसमें कितने पुलिस कर्मियों पर गाज गिरेगी।