हिंसक हुए मराठा आरक्षण कार्यकर्ता, विधायकों के जलाए गए घर बीड और उस्मानाबाद में लगा कर्फ्यू
मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा शांतिपूर्ण आंदोलन सोमवार को अचानक हिंसक हो गया है। सोमवार को बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके का घर और विधायक संदीप क्षीरसागर के दफ्तर पर पहले पथराव किया गया, फिर आग लगा दी गई। वहां पर खड़ी गाड़ियों को जला दिया गया। बीड में शरद पवार गुट के एनसीपी का दफ्तर भी आगे के हवाले कर दिया गया। जगह-जगह सड़कों के बीच टायर जला कर मराठा आंदोलनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों की उग्रता को देखते हुए सत्ता पक्ष के कई विधायकों और सांसदों के घरों की सुरक्षा बढ़ा दी है। शाम होते-होते बीड में अनिश्चित काल के लिए धारा 144 लागू कर दी है। उस्मानाबाद में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच सीएम शिंदे ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इससे पहले दिन में एमवीए का प्रतिनिधि मंडल भी राज्यपाल से मिलने गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आंदोलनकारियों से शांति की अपील करते हुए कहा है कि सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पिछले 6 दिन से आमरण अनशन कर रहे मराठा आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे पाटील से अपनी सेहत का खयाल रखने और आंदोलन को हिंसक राह पर न ले जाने की अपील की है। जवाब में जरांगे पाटील ने शांति बनाए रखने की अपील के साथ ही आरोप लगाया है कि जारी हिंसा के पीछे सत्ताधारियों का ही हाथ है। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से ही इसकी आशंका थी।
मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे से एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को बातचीत करेगा। कानून के दायरे में स्थाई आरक्षण मराठा समाज को दिया जाएगा।
आज से बटेंगे कुनबी जाति के प्रमाण पत्र…
आंदोलन के जोर पकड़ते ही सोमवार को मराठा आरक्षण से संबंधित मंत्रिमंडल की उपसमिति की एक बैठक हुई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि 11,530 पुराने अभिलेखों में कुनबी जाति का उल्लेख है। जिन लोगों के दस्तावेज में कुनबी जाति का उल्लेख मिलेगा, उन्हें मंगलवार से नए प्रमाण पत्र जारी करने का काम शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुनबी कृषि कार्य से जुड़ा एक समुदाय है, जिसे महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और इन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता है।
आज कैबिनेट की बैठक में होगी चर्चा…
सीएम शिंदे ने आगे कहा कि मराठा समुदाय के लिए कुनबी जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया जाए, इस विषय पर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व में पहले ही एक समिति गठित कर चुकी है। उस समिति की प्राथमिक रिपोर्ट सरकार को मिल गई है। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में यह रिपोर्ट पेश की जाएगी। शिंद ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में पूरी तरह गंभीर है। वह आरक्षण के लिए जो भी उचित कदम होगा, अवश्य ही उठाएगी। सीएम ने आगे कहा कि मराठा आरक्षण के लिए वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
तीन रिटायर्ड जजों की बनाई गई समिति…
सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण मुद्दे से संबंधित उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका दाखिल करने के लिए तीन रिटायर्ड जजों की एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति की घोषणा मुख्यमंत्री शिंदे ने की है। यह समिति क्यूरेटिव याचिका को लेकर राज्य सरकार को उचित परामर्श देगी। इतना ही नहीं, मराठा आरक्षण की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए वरिष्ठ वकीलों की जो टास्क फोर्स बनाई गई है, उसकी भी सरकार पूरी मदद करेगी। बता दें कि इस समिति में जस्टिस शिंदे, जस्टिस भोसले और जस्टिस गायकवाड शामिल हैं। सरकार ने कहा है कि वह इस मुद्दे की संवेदनशीलता को अच्छी तरह समझती है।
अब तक चार जनप्रतिनिधियों के इस्तीफे….
मराठा आरक्षण के समर्थन में अब तक दो सांसदों और दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिए हैं। रविवार को हिंगोली के शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया था। सोमवार को नासिक के शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे ने भी इस्तीफा दे दिया। इधर, बीड जिले के गेवराई से बीजेपी विधायक लक्ष्मण पवार ने इस्तीफा दे दिया है। लक्ष्मण पवार ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास इस्तीफा भेजा है, तो हेमंत गोडसे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस्तीफा भेजा है। इसके अलावा कांग्रेस विधायक सुरेश वरपुड़कर ने इस्तीफा दे दिया है।
जब हमला हुआ, मैं घर के अंदर था। उन्होंने मेरे घर को चारों ओर से घेर लिया। पहले मेरे घर पर पथराव किया गया। फिर वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी।