राजस्थान से राज्यसभा चुनाव लड़ेंगी सोनिया गांधी, 3 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान
जयपुर। राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। राज्यसभा सांसद डॉ. मनमोहन सिंह और भूपेंद्र यादव का कार्यकाल 3 अप्रैल को पूरा हो रहा है और डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कुछ दिनों पहले इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में तीन नए सदस्यों के लिए राज्यसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां राज्यसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। इन चुनाव को लेकर कांग्रेस अलग रणनीति पर काम कर रही है। डॉ. मनमोहन सिंह अब राज्यसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में पार्टी अब सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है।
सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के नाम आए सामने…
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि वे उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से लोकसभा सांसद है और आगे भी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है लेकिन उनके स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए लोकसभा के बजाय राज्यसभा चुनाव के जरिए सांसद बनाया जाएगा। सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है। अगर सोनिया गांधी को राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ाया जाता है तो प्रियंका गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजा जा सकता है। यह तो लगभग तय है कि कांग्रेस राजस्थान से किसी सीनियर नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा।
अजय माकन का नाम भी चर्चाओं में…
अगर सोनिया और प्रियंका गांधी को किन्हीं कारणों से राजस्थान से चुनाव नहीं लड़ाया जाता है तो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन को चुनाव लड़ाया जा सकता है। माकन पूर्व में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं। वर्ष 2022 में माकन को हरियाणा से राज्यसभा चुनाव लड़ाया गया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। जुलाई 2020 में राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आए सियासी संकट के दिनों में अजय माकन ने सरकार बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं। हालांकि सितंबर 2022 में गहलोत गुट के कई विधायकों ने माकन पर गुटबाजी के आरोप लगाए थे।
भाजपा की नजर इन तीन नेताओं पर…
भाजपा ने भी राज्यसभा चुनाव की तैयारियां कर ली है। प्रत्याशियों का चयन पार्टी हाईकमान अपने हिसाब से करेगा। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले सीनियर नेता राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया को राज्यसभा में जाने का अवसर दे सकती है। राठौड़ लगातार 7 बार विधायक रह चुके हैं लेकिन वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में वे हार गए थे। सतीश पूनिया पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पूनिया भी चुनाव हार गए थे। पूनिया संघ पृष्ठभूमि के हैं। राठौड़ और पूनिया दोनों की ही पार्टी में भूमिका बनाए रखने के लिए राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी है। पूनिया और राठौड़ के बाद तीसरे नेता के रूप में अल्का गुर्जर का नाम चर्चाओं में है। वे प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता रह चुकी हैं। फिलहाल वे दिल्ली की सह प्रभारी भी हैं।
27 फरवरी को होंगे लोकसभा चुनाव…
राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 15 फरवरी से नामांकन दाखिल होंगे। अगले दिन 16 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। फिर 27 फरवरी को सुह 9 बजे से शाम 4 बजे तक राजस्थान विधानसभा में मतदान होगा। उसी दिन शाम 5 बजे मतों की गणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा। विधायकों की संख्या के हिसाब से बीजेपी के 2 और कांग्रेस के 1 प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है।
जीत के लिए एक सदस्यों को चाहिए कम से कम 51 वोट…
राज्यसभा चुनाव में विधायक अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। जीत के फार्मूले के मुताबिक जिनती सीटें रिक्त होती है, उसमें एक जोड़कर कुल सीटों में भाग दिया जाता है। प्रत्याशी को चुनाव जीतने के लिए इस भागफल में एक वोट जोड़ना होता है। राजस्थान में 200 विधानसभा सदस्य हैं। ऐसे में 200 में रिक्त सीटें 3 में 1 जोड़कर 4 का भाग दिया जाता है। भागफल 50 आता है। ऐसे में 50 में 1 जोड़ने पर 51 होते हैं। इस फार्मूले के मुताबिक चुनाव जीतने के लिए एक प्रत्याशी को कम से कम 51 वोट मिलना जरूरी है। वर्तमान में भाजपा के पास 115 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के पास 70 सदस्य हैं। ऐसे में कांग्रेस का 1 और भाजपा के 2 सदस्यों की जीत तय मानी जा रही है।