बसपा मुखिया मायावती को लग सकता है तगड़ा झटका,भाजपा का दामन थाम सकती हैं बसपा सांसद,बगावत हुई तेज
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में अकेले चुनावी मैदान उतरने की घोषणा कर चुकी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। लोकसभा चुनाव से पहले मायावती को तगड़ा झटका लग सकता है। बसपा में अंदर बग़ावत तेज़ हो गई है। दानिश अली के बाद अब लालगंज लोकसभा सीट से सांसद संगीता आजाद पार्टी को छोड़ सकती है।संगीता जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकती हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले संगीता आज़ाद का बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थामना लगभग तय हो गया है। संगीता आजाद इसी महीने भाजपा का दामन थाम सकती हैं। बस इसकी घोषणा होना बाक़ी है।केंद्रीय नेतृत्व की ओर संगीता आजाद को हरी झंडी मिल गई है। अब सही समय का इंतज़ार है। संगीता आज़ाद का भाजपा का थामने से आज़मगढ़ और पूर्वांचल की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
संगीता आज़ाद का भाजपा का दामन थामना बसपा के लिए तगड़ा झटका होगा।इसका कारण यह है कि संगीता आजाद के ससुर गांधी आज़ाद बसपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। गांधी आजद पूर्वांचल के बड़े दलित नेता माने जाते थे। पूर्वांचल के लोगों में गांधी आजद के प्रति आस्था रही है। गांधी आजाद ने बसपा में रहकर कई बड़े पदों पर काम किया था। बसपा के राज्यसभा सांसद होने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं।संगीता आज़ाद के पति अरिमर्दन आज़ाद भी लालगंज से बसपा के विधायक रह चुके हैं। संगीता आजाद की सास मीरा आज़ाद दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
संगीता आज़ाद ने पिछले दिनों लोकसभा संसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाक़ात की थी। मुलाकात की तस्वीरें भी संगीता आजाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की थी।इसके बाद से ही संगीता आजाद का भाजपा का दामन थामने की ख़बरों ने ज़ोर पकड़ना शुरू कर दिया था। बरहाल इस मुलाक़ात को संगीता आजाद ने औपचारिक मुलाक़ात बताया था। संगीता आजाद कई बार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ भी कर चुकी हैं।यही नहीं पिछले काफ़ी समय से संगीता आजाद बसपा के कार्यक्रमों में भी दिखाई नहीं दे रही हैं।