आईये जाने कि देश के आम चुनाव-1952 से अब तक कब और कौन बना प्रतापगढ़ का सांसद
प्रतापगढ़। देश में पहला आम चुनाव साल-1952 को हुआ। उस आम चुनाव में प्रतापगढ़ से पहले सांसद कांग्रेस के टिकट पर प्रतापगढ़ में शिक्षा जगत में अलख जगाने वाले पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय निर्वाचित हुए थे। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने टिकट दिया और वह प्रतापगढ़ जनपद के पहले सांसद निर्वाचित हुये। पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय को प्रतापगढ़ की सम्मानित जनता ने पुनः चुना और साल-1957 में अपना सांसद बनाकर दिल्ली भेजा था। साल-1962 में प्रतापगढ़ रियासत के राजा अजित प्रताप सिंह को भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और वह कांग्रेस से सांसद का पद छीन लिया था।
देश में आम चुनाव के बाद से प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर सबसे अधिक कांग्रेस का रहा कब्जा
पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय के बाद कांग्रेस ने साल 1967 में भारतीय कांग्रेस पार्टी ने कालाकांकर रियासत के राजा दिनेश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया और वह राजा अजित प्रताप सिंह को चुनाव हराकर पुनः कांग्रेस को पुनः प्रतापगढ़ में स्थापित किया। कालाकांकर रियासत के राजा दिनेश सिंह को दूसरी बार प्रतापगढ़ की जनता अपना सांसद बनाया था। साल-1977 में कांगेस की फिजा खराब हुई और जनता पार्टी का उदय हुआ। साल-1977 के चुनाव में जनता पार्टी ने रूप नाथ सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया और कांग्रेस की नीतियों से आजिज आकर प्रतापगढ़ की जनता ने इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार को शिकस्त देते हुए जनता पार्टी के उम्मीदवार रूप नाथ सिंह यादव को अपना सांसद चुना।
कांग्रेस से दो बार पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय, चार बार राजा दिनेश सिंह, एक बार राजा अजीत प्रताप सिंह और तीन बार राजा दिनेश सिंह की पुत्री राजकुमारी रत्ना सिंह प्रतापगढ़ की सांसद रही
देश में इमरजेंसी के बाद साल-1980 में जब चुनाव हुआ तो उस चुनाव में प्रतापगढ़ रियासत के राजा अजित प्रताप सिंह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया और प्रतापगढ़ की जनता राजा साहेब को पुनः प्रतापगढ़ का सांसद बनाया। साल-1984 और साल-1989 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर पुनः कालाकांकर रियासत के राजा दिनेश सिंह चुनाव मैदान में उरते और दोनों बार उन्हें प्रतापगढ़ की सम्मानित जनता ने अपना भाग्य विधाता बनाया। साल-1991 में एक बार फिर कांग्रेस की फिजा खराब हुई और इस बार जनता दल का उदय हुआ था। जनता दल से प्रतापगढ़ रियासत के राजा अभय प्रताप सिंह चुनावी मैदान में उतरे और उन्हें प्रतापगढ़ की जनता ने सांसद बनाया।
दस बार कांग्रेस के टिकट से प्रतापगढ़ के सांसद बने, परन्तु विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया
साल- 1996 रियासत के राजा अजित प्रताप सिंह के राजनैतिक विरासत उनकी पुत्री राजकुमारी रत्ना सिंह को कांग्रेस ने प्रतापगढ़ से लोकसभा का टिकट दिया और वह पहली बार में ही प्रतापगढ़ की सांसद बनी। फिलहाल मध्यावधि में चुनाव हुआ और साल-1998 में भाजपा ने डॉ राम विलास वेदांती को अपना उम्मीदवार बनाया और वह प्रतापगढ़ से सांसद निर्वाचित हुए। इसके पहले मछलीशहर सीट से भाजपा के टिकट से डॉ राम विलास वेदांती सांसद बने थे। उस समय पट्टी और बीरापुर दोनों विधानसभा मछलीशहर संसदीय क्षेत्र में शामिल था। उस दौरान देश मध्यावधि चुनाव का शिकार था और दो-दो साल में चुनाव कराना पड़ता था।
समाजवादी पार्टी के टिकट पर कुंवर अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी भी प्रतापगढ़ से सांसद बने थे
वर्ष-1999 में पुनः लोकसभा चुनाव हुआ और इस बार कांग्रेस के टिकट से राजकुमारी रत्ना सिंह दूसरी बार सांसद बनी। इस बार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और साल- 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी चुनाव मैदान में कूदे और राजा भईया के आशीर्वाद से कुंडा व बाबागंज के दम पर लोकसभा चुनाव में बाज़ी मर ले गए। साल-2009 में कांग्रेस ने राजकुमारी रत्ना सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया और इस बार नए परिसीमन पर लोकसभा का चुनाव हुआ जिसमें कुंडा और बाबागंज को प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से काटकर कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र में मिला दिया और पट्टी व बीरापुर नया नाम रानीगंज को प्रतापगढ़ में शामिल कर दिया गया, जिससे गोपाल जी चुनाव हार गए और राजकुमारी रत्ना सिंह तीसरी बार सांसद बनी।
मोदी सुनामी के बाद साल-2014 और साल-2019 का चुनाव उम्मीदवार नहीं बल्कि मोदी के नाम पर जनता ने दिए वोट
कांग्रेस की फिजा एक बार फिर से खराब हुई और इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव-2014 गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा और देश में ऐसी सुनामी आई कि कांग्रेस ही नहीं विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया। प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा और अपना दल का गठबंधन हुआ और संयुक्त उम्मीदवार कुंवर हरिवंश सिंह हुए और प्रचंड मतों से बाहरी होने के बाद भी प्रतापगढ़ की जनता ने उन्हें सांसद बनाया। साल-2019 में पुनः नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव हुआ और इस बार प्रतापगढ़ विधानसभा से विधायक रहते हुए संगम लाल गुप्ता भाजपा के उम्मीदवार बने और मतों से सांसद निर्वाचित हुए। साल-2024 के चुनाव की अधिसूचना जारी है और एक बार भाजपा से सांसद संगम लाल गुप्ता उम्मीदवार बने हैं। छठे चरण में मतदान होगा और 4 जून को परिणाम आयेगा। देखना होगा कि इस बार प्रतापगढ़ का सांसद कौन निर्वाचित होगा ?