Lok Sabha Chunav: आखिरकार वरुण गांधी ने पीलीभीत का मैदान छोड़ दिया, आगे की रणनीति का भी नहीं किया खुलासा
- भाजपा से पहली बार सुल्तानपुर संसदीय सीट से साल-2014 में पहली बार वरुण गांधी सांसद निर्वाचित हुए थे। लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद से वरुण अपनी ही सरकार और अपनी ही पार्टी पर हमलावर हो गए। साल-2016 से वरुण गांधी पार्टी और सरकार के लिए गले की हड्डी बन गए, परन्तु भाजपा उन्हें बर्दाश्त करती रही, साल-2019 में उन्हें सुल्तानपुर संसदीय सीट से हटाकर उनकी मां मेनका गांधी की सीट पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया और मेनका गांधी को सुल्तानपुर संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया और मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद निर्वाचित हुई, परन्तु उन्हें इस बार मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया, इसका भी वरुण गांधी को दर्द था। मेनका गांधी को सुल्तानपुर से इस बार भी टिकट दिया गया, परन्तु पार्टी और सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले वरुण का टिकट पीलीभीत से कट दिया गया।
पीलीभीत। बीजेपी ने पीलीभीत संसदीय सीट से बागी नेता वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर पार्टी ने लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। पीलीभीत से दो बार के सांसद वरुण गांधी और पीलीभीत संसदीय सीट लगातार चर्चा में रही हैं। लोकसभा चुनाव-2024 में इस बार भाजपा, सपा और बसपा सभी ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। ऐसे में भाजपा नेता और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा ?
सीटिंग सांसद वरुण गांधी खामोश हैं। उनकी खामोशी के लोग राजनीतिक पंडित भी कयास नहीं लगा पा रहे हैं। पीलीभीत संसदीय सीट पर पहले चरण में ही चुनाव है। नामांकन करने की आखिरी तिथि कल यानी बुधवार है। ऐसे में वरुण गांधी पर सबकी नजरें हैं। वह अभी भी खामोश हैं। क्या करेंगे ? ये किसी को पता नहीं है। ऐसे में तमाम चर्चाएं चल रही है। सभी पार्टियों ने घोषित किए उम्मीदवार पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा समेत सपा-बसपा अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके है।
सपा ने भगवत सरन गंगवार और बसपा ने अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू को प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों के मुताबिक वरुण गांधी ने पीलीभीत से चुनाव न लड़ने का फैसला किया है, वो अपना नामांकन दाखिल नहीं करेंगे। मीडिया सूत्रों की मानें तो अनौपचारिक बातचीत में वरुण ने अपने नज़दीकी और खास लोगों को ये बता दिया है कि उनके साथ छल किया गया है, ऐसे में अब वो चुनाव नहीं लड़ेंगे।
हालांकि, वरुण गांधी की तरफ से उनके समर्थकों को फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। सवाल उठता है कि भाजपा नेता वरुण गांधी कहीं और से चुनाव लडेंगे ? पीलीभीत संसदीय सीट से टिकट काटने के बाद और वहाँ से मैदान छोड़ने के बाद अब ऐसी तमाम अटकले तेज हो गई हैं। पीलीभीत से भाजपा ने जितिन प्रसाद को चुनाव का टिकट दिया है और 27 मार्च को वो अपना नामांकन दाखिल करेंगे। 27 मार्च ही नॉमिनेशन की आखिरी तारीख है, ऐसे में माना जा रहा है कि पीलीभीत से वरुण गांधी अब नामांकन नहीं करेंगे।
वरुण गांधी को लेकर पीलीभीत में यह भी चर्चा है कि वो इस बार यहां से चुनाव नही लड़ेंगे। वरुण गांधी का क्या खत्म होगा तीन दशकों का दबदबा ? वरुण गांधी कहीं और जा सकते है ? करीब तीन दशक से इस सीट पर गांधी परिवार का दबदबा रहा है। वरुण गांधी यहां से दो बार सांसद रहे हैं, जबकि उनकी मां मेनका गांधी पीलीभीत से छह बार सांसद रह चुकी हैं। सांसद वरुण गांधी पिछले कुछ समय से सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। शायद इन्हीं वजहों से पार्टी ने उनका टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद पर भरोसा जताया है। जितिन यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।