प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर अकेले पट्टी विधानसभा से सबसे अधिक 35 हजार से मिली हार के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से पूर्व मंत्री मोती सिंह ने की मुलाकात
प्रतापगढ़। लोकसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिलने के बाद उस पर समीक्षा करने को कौन कहे, शीर्ष नेतृत्व से लेकर भीतरघात करने वाले नेता भी मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री तक बुके और गुलदस्ता देते हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि केंद्र में मोदी की 3:0 की सरकार जो बन गई है। जहाँ-जहाँ भाजपा को करारी हार मिली, वहां-वहां भाजपा के जिलाध्यक्ष और उनकी लती लामड़ी टीम भांगड़ा डांस करती नजर आई और एक दूसरे को मिठाई भी खिलाने का कार्य किया है।
लोकसभा चुनाव- 2024 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर दूसरी बार भाजपा ने अपने उम्मीदवार के रूप में संगम लाल गुप्ता को उतारा था और विपक्ष से अधिक पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सहित विधायक और पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्रियों ने संगम लाल गुप्ता को हराने का ठेका ले रखा था और टिकट मिलते ही पार्टी के लोग एक हवा बना डाले कि संगम लाल गुप्ता का बहुत विरोध है। जो काम विपक्ष को करना था, उस काम को भाजपा से जुड़े लोगों ने कर डाला।
भाजपा उम्मीदवार को प्रतापगढ़ में करारी हार का सामना करना पड़ा, परन्तु अभी तक भाजपा संगठन की तरफ से प्रतापगढ़ के तनहा विधायक राजेंद्र कुमार मौर्य और भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने अपनी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की और हार का ठीकरा सिर्फ और सिर्फ उम्मीदवार पर फोड़ कर स्वयं को पाक-साफ बताने में जुट गए हैं। आखिर विश्व की सबसे बड़ी और अनुशासन वाली पार्टी के अंदर पन्ना प्रमुख और बूथ प्रभारी जैसा मजबूत प्रबन्धन मतदान के दिन कहाँ सो गया था ? क्या इस चुनाव में वह भी निष्क्रिय हो गया था ?
प्रतापगढ़ विधायक राजेन्द्र कुमार मौर्या और भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मिल आये और प्रतापगढ़ की हार के सम्बन्ध में उन्होंने न कुछ पूंछा और इन्होंने न कुछ बताया। चर्चा हुई तो सिर्फ प्रतापगढ़ के चहुमुखी विकास पर। हद हो गई। भाजपा के उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता के नामांकन में स्वयं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या आये थे और वह भरे मंच से कहा था कि भाजपा के अन्दर भितरघातियों संभल जाओ, चुनाव बाद सबका हिसाब किया जायेगा।
इसी कड़ी में पट्टी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री मोती सिंह भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिले और शिष्टाचार मुलाकात का अपडेट सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य संगम लाल गुप्ता के नामांकन में बिना नाम लिए भाजपा के भितरघातियों को आगाह किया था और खुली चुनौती दी थी कि दम है तो भाजपा छोड़कर विरोध करें तो उन्हें समझ में आ जायेगा। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद सबसे अधिक नाराजगी पूर्व मंत्री मोती सिंह के खेमे में देखी गई।
परन्तु दो दिन पहले पूर्व मंत्री मोती सिंह जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिले तो क्या बात हुई, ये तो नहीं पता ! पर चर्चा तेज हो गई कि दोनों के बीच क्या बात हुई या सिर्फ डिप्टी सीएम केशव मौर्य का बयान हवा हवाई ही रही। चूँकि सबसे अधिक हार 35 हजार मतों से पट्टी विधानसभा से ही हुई है। पट्टी विधानसभा के चुनाव- 2022 में भी भाजपा उम्मीदवार मोती सिंह स्वयं 22 हजार से अधिक मतों से चुनाव हारे थे। साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता 5 हजार मतों से सिर्फ पट्टी में चुनाव हरे गए थे और शेष चारों विधानसभाओं में बड़ी लीड लेकर जीत हासिल किये थे।
Loksabha Chunav-2024 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर पट्टी विधानसभा से 35 हजार