वास्तु शास्त्र के अनुसार पंचवटी से जुड़े पीपल के पौधे को हमेशा पूर्व दिशा की ओर, आंवला को दक्षिण दिशा में, बेल को उत्तर दिशा में और बरगद को आग्नेय कोण में लगाना चाहिए
हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को देवी-देवताओं का स्वरूप मानते हुए पूजनीय माना गया है। यही कारण है कि सदियों से तमाम तरह के पेड़ पौधे हमारी आस्था और विश्वास के साथ जुड़े हुए हैं। इन्हीं पेड़-पौधों से जुड़ा पावन पर्व है, हरियाली अमावस्या जो कि इस साल 14 जुलाई 2023, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या पर पेड़-पौधों को लगाने की परंपरा है और कई बार लोग ऐसा करते समय पंचवटी तैयार करने का आइडिया अपने दिमाग में लाते हैं। यदि आप भी कुछ ऐसा ही करने की सोच रहे हैं तो उसे लगाने से पहले उसका धार्मिक महत्व और उसका वास्तु नियम जरूर जान लें।
पंचवटी का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में पंचवटी, पंचगव्य, पंचामृत आदि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है।हिंदू मान्यता के अनुसार ‘पंचानां वटानां समाहार इति पंचवटी’ अर्थात एक साथ पवित्र स्थान जहां पर पांच तरह के पवित्र पौधे एक साथ लगे हुए हों। पंचवटी में कुल पांच पेड़ होते हैं, जिसमें पीपल, बेल, आंवला, बरगद और अशोक शामिल है। इन पांच पेड़ें में बेल का पेड़ जहां भगवान शिव की साधना से जुड़ा है तो वहीं पीपल, बरगद, आंवला भगवान श्री विष्णु की पूजा से जुड़ा हुआ है।
जिस पंचवटी में पांच पवित्र पेड़- पीपल, बरगद, बेल, आंवला और अशोक आते हैं, उसका वर्णन हिंदू धर्म के पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामायण में मिलता है। हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी तट स्थित पावन तीर्थ स्थान पंचवटी में आपना कुछ समय बिताया था।
अशोक का पेड़ भी हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा पवित्र और पूजनीय माना गया है। यही कारण है कि किसी भी तीज-त्योहार अथवा मांगलिक कार्यक्रम के दौरान अशोक के पेड़ की पत्तियां पूजन कार्य में विशेष रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार अपने जीवन काल में पंचवटी के पांच पेड़ों को लगाने और उसकी सेवा करने पर व्यक्ति को को न सिर्फ अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है बल्कि वह इन पौधों के जरिये औषधीय लाभ भी प्राप्त करता है।
कहां और कैसे लगाएं पंचवटी ?
सनातन परंपरा में अत्यंत ही पवित्र माने गए पंचवटी के पौधे को अपनी बगिया में लगाने से पहले आपको उससे जुड़े वास्तु नियम जरूर मालूम होने चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार पंचवटी से जुड़े पीपल के पौधे को हमेशा पूर्व दिशा की ओर, आंवला को दक्षिण दिशा में, बेल को उत्तर दिशा में और बरगद को आग्नेय कोण में लगाना चाहिए। इन सभी पौधों को लगाने के साथ इनकी प्रतिदिन पूजा और जल देकर सेवा करने पर व्यक्ति को बहुत ज्यादा पुण्यफल प्राप्त होता है।
पंचवटी लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
पंचवटी से जुड़े पौधों को किसी नर्सरी से हमेशा खरीद कर लगाएं। किसी निर्जन स्थान पर उगे हुए पौधे को उखाड़कर या फिर किसी जगह से चोरी करके पौधे न लगाएं। पंचवटी के पौधों को हमेशा वास्तु के अनुसार सही दिशा और स्थान पर ही लगाएं। पंचवटी के पौधों को हमेशा तन और मन से पवित्र होकर ही लगाएं। पंचवटी के पौधों को लगाने के बाद प्रतिदिन उसे जल आदि देकर सेवा करें और ध्यान रखें कि वे सूखने न पाए।