किशोरी से दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी को कोर्ट ने 62 दिन में सुनाई मौत की सजा
कोर्ट में आरजी कर मामले की चल रही सुनवाई…
प्रदर्शनकारियों ने आरजी कर की मृत महिला डॉक्टर के लिए भी न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए थे, लेकिन चार महीने बाद भी आरजी कर मामले में न्याय नहीं मिला है। मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। वहीं दूसरी पर जयनगर की घटना में मात्र 63 दिनों में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुना दी। जयनगर मामले में दोषी को मौत की सजा सुनाए जाने के ठीक बाद राज्य पुलिस की ओर से एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया गया। जिसमें लिखा है कि जयनगर के लिए न्याय! इसमें यह भी लिखा है, यह फैसला अभूतपूर्व है।
कोर्ट के फैसले पर सीएम ममता बनर्जी ने जाहिर की खुशी…
इस तरह के मामले में मात्र दो महीने के भीतर दोषसिद्धि और मृत्युदंड राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व है। मैं इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देता हूँ। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता रखती है और यह सुनिश्चित करना जारी रखेगी कि न्याय में न तो देरी हो और न ही न्याय से वंचित किया जाए।
ट्यूशन से घर लौट रही बच्ची के साथ किया गया था दुष्कर्म…
चार अक्टूबर की शाम को नाबालिग ट्यूशन से घर लौटते समय लापता हो गई। जब किशोरी घर नहीं लौटी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। स्थानीय थाने में गए लेकिन वहां पुलिस पर असहयोग के आरोप लगे। इसके बाद देर रात बच्ची का शव घर के पास जलाशय से बरामद मिला था। उस रात मुस्तकिन सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया।