रोते बिखलते परिजन व मृतक लेखपाल की (फाइल फोटो) उत्तरप्रदेशबरेली लेखपाल हत्याकांड; फिरौती के लिए दोस्त ने रची अपहरण की साजिश, घबराहट में गला दबाकर कर दी हत्या, 18 दिन बाद मिला कंकाल, परिजनों ने की DNA जांच की मांग By Mahfooz Khan On Dec 16, 2024 127 बरेली। उत्तर प्रदेश की बरेली पुलिस ने लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने आरोपी ओमवीर उर्फ अवधेश और नन्हे पुत्र सुखराम को गिरफ्तार किया है। लेखपाल का कंकाल रविवार को मिर्जापुर गांव में सुनसान इलाके में नाले से बरामद हुआ था। 27 नवंबर को लेखपाल की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने मनीष का अपहरण फिरौती की राशि वसूलने के लिए किया था। घटना में इस्तेमाल कार और आरोपियों की निशानदेही पर लेखपाल के डॉक्यूमेंट भी पुलिस ने बरामद किए हैं। 6 महीने पहले हुई थी लेखपाल से जान पहचान… दरअसल, पुलिस ने इस मामले में कपूरपुर के रहने वाले ओमवीर कश्यप उर्फ़ अवधेश को शक के आधार पर गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और पुलिस को पूरी सच्चाई बता दी। जिसके बाद हत्याकांड की पूरी सच्चाई एक एक कर प्याज की छिलकों की तरह बाहर आ गई। आरोपी ने बताया कि करीब 6 महीने पहले लेखपाल मनीष कश्यप से वह मिला था। इसके बाद उससे बातचीत का सिलसिला और मिलना जुलना शुरू हो गया था। पुलिस को उसने बताया कि वह काफी कर्ज और आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था, लिहाजा वह मनीष कश्यप से पैसे वसूलना चाहता था, लेकिन वह सफल नहीं हो रहा था। ऐसे दिया हत्या की वारदात को अंजाम… आरोपी ओमवीर उर्फ़ अवधेश ने यह बात सूरज कश्यप को बताई। जिसके बाद सूरज और अवधेश ने मिलकर 27 तारीख को लेखपाल को फरीदपुर फाटक के पास कॉल करके मिलने के लिए बुलाया। बुलाने के बाद दोनों ने लेखपाल को जमकर शराब पिलाई। अधिक शराब पी लेने के बाद लेखपाल जब नशे में हो गया तो सूरज के मफलर से दोनों ने उसका गला कसकर हत्या कर दी। लेखपाल की हत्या करने के बाद उसकी डेड बॉडी को उन लोगों ने नाले में फेंक दिया। जमीन घोटाले वाले एंगल की भी जांच… मनीष कश्यप के परिवार वाले इस हत्या को जमीन घोटाले से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि मनीष कश्यप सरकारी जमीन के घोटाले का खुलासा करने वाले थे, और इसी वजह से उनकी हत्या की गई। वे पुलिस द्वारा किए गए खुलासे से संतुष्ट नहीं हैं और डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं। अपराध 127 Share