डिवाइस चुराकर भेजते थे हॉंगकॉंग, थार में सवार होकर करते थे चोरी, पुलिस ने पांच शातिरों को किया गिरफ्तार
गाजियाबाद कमिश्नरेट के वेब सिटी थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने पांच शातिरों को गिरफ्तार कर मोबाइल टावरों से चोरी करने वाले इंटर स्टेट गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर मोबाइल टावरों से चोरी किए गए सात करोड़ रुपये के उपकरण बरामद किए हैं। यह गैंग दिल्ली- एनसीआर के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और असम में भी वारदातों को अंजाम देता था। गिरोह के निशाने पर मोबाइल टावरों के रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू), बेसबैंड यूनिट और अन्य महंगे इलेक्ट्रोनिक डिवाइस होते थे।
ये पांचों शातिर चढ़े हैं पुलिस के हत्थे…
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि पुलिस ने इंटर स्टेट गैंग के शातिर शाहरुख मलिक पुत्र शफी अहमद, वसीम मलिक पुत्र सलीमुद्दीन निवासी, अनस खान पुत्र अकरम, साहिल मलिक पुत्र वशीर मलिक और कय्यूम मंसूरी पुत्र बबलू मंसूरी निवासी नंदग्राम- गाजियाबाद को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों में शाहरुख और अनस दिल्ली के रहने वाले हैं। वसीम लिसाड़ीगेट- मेरठ का रहने वाला है जबकि साहिल मलिक और कय्यूम गाजियाबाद के नंदग्राम इलाके में रहते हैं।
कब्जे से मिला सात करोड़ का सामान…
कबाड़ी बनकर करते थे रेकी…
एडीसीपी ने बताया कि शातिर दिन में कबाड़ खरीदने के बहाने मोबाइल टावरों की रेकी करते थे। इसके बाद रात के समय लग्जरी गाडी में सवार होकर मौके पर पहुंचते और महंगे इलेक्ट्रोनिक डिवाइस चोरी कर लेते थे। एडीसीपी ने बताया कि मोबाइल टावरों से चोरी की गई रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) की कीमत लाखों रुपये होती है। आरआरयू को चोरी करने के बाद अच्छे पैकिंगक करके मुंबई भेजते थे और वहां हॉंगकॉंग भेज दी जाती थी। इससे उन्हें मोटा मिलता था, जो आपस में बांट लिया जाता था।