कोहंड़ौर बाजार में हवाईदारों के घरों में लगी आग से संदीप पटवा की मौके पर ही हो गई थी मौत, पटाखे की आग से झुलसे संदीप पटवा के बहनोई राजेश पटवा की इलाज के दौरान प्रयागराज SRN में हुई दर्दनाक मौत
जनपद प्रतापगढ़ में आतिशबाजी के लिए कुल 165लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया है,अकेले कोहंड़ौर थाना क्षेत्र में 9हवाईदारों को आतिशबाजी के लिए लाइसेंस जारी किये गए हैं…
प्रतापगढ़। जनपद प्रतापगढ़ में आतिशबाजी के लिए कुल 165 लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया है। अकेले कोहंड़ौर थाना क्षेत्र में कुल 9 लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया है। आतिशबाजी के लिए लाइसेंस देते समय स्थानीय पुलिस अपनी रिपोर्ट देती है तब कहीं जिला प्रशासन किसी अतिशबाज को लाइसेंस जारी करता है। आतिशबाजी के लिए जारी होने लाइसेंस के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित है कि आतिशबाजी की दुकान रिहायशी इलाके में नहीं होगी और दुकान व गोदाम का लाइसेंस अलग-अलग होगा। घर में तो आतिशबाजी के सामान को किसी भी दशा में नहीं रखा जा सकता। परन्तु आतिशबाजी की दुकानों में जब भी घटना व दुर्घटना घटित होती है तो घर में ही आतिशबाजी की दुकान व गोदाम संचालित होने की वजह से घटना घटित होती है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी हवाईदार की होनी चाहिए और जिस थाना क्षेत्र से वह दुकान व गोदाम संचालित हो रही थी, उस थाने का थाना प्रभारी भी उसका जिम्मेवार होता है। कोहंड़ौर थाना के बगल ही 2 अप्रैल, 2022 को यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एक बड़ा हादसा हो गया है। इस हादसे की जितनी जिम्मेदारी हवाईदार की है,उतनी ही जिम्मेदारी थानाध्यक्ष बच्चालाल की भी है। जिला प्रशासन भी इसका जिम्मेवार है जो लाइसेंस देने के बाद भूल जाता है कि उसकी भी समय-समय पर आतिशबाजों को जारी किये गए लाइसेंस के सत्यापन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है।
2 अप्रैल, 2022 की देर रात कोहड़ौर थाने से चंद कदम दूरी पर हुई घटना से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे हैं,सवाल…
कोहड़ौर थाने से चंद कदम दूरी पर ही स्थित दो घरों में रखे पटाखे में आग लग जाने से भीषण धमाका हुआ। इस घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी और कई लोग घायल हैं। घटना को लेकर पूरी रात पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ आसपास के लोग परेशान रहे। मिली जानकारी के मुताबिक कोहड़ौर थाने के निकट स्थित असफाक, हनीफ और फिरोज के घर में ही पटाखा बनाने का कारोबार किया जाता है। मृतक राजेश पटवा की पत्नी सरिता पटवा निवासिनी- कला कुश्ती, थाना- मलवा, जनपद- फतेहपुर जिसका मायका थाना कोहड़ौर क्षेत्र लाखीपुर गाँव में है। मृतक राजेश पटवा की पत्नी सरिता ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की है कि उसका भाई संदीप पटवा दिनांक- 02/04/2022 को कोहड़ौर बाजार में हवाईदार असफाक के घर आतिशबाजी की बुकिंग करने गया था। साथ में उसका पति राजेश पटवा भी चला गया था। दोनों लोग हवाईदार असफाक के घर में बैठकर बातचीत कर ही रहे थे कि घर के अंदर से अचानक तेज आवाज के साथ विस्फोट होने लगा और देखते ही देखते आग पूरे मकान तक फैल गई। हवाईदार असफाक के चार लड़के हैं और एक ही मकान में रहते हैं और सभी आतिशबाजी की दुकान उसी मकान में करते हैं। हवाईदार असफाक अपने घर को पटाखे की अवैध गोदाम बना रखे हैं, जिसकी वजह से उनके घर में आग लगी और उसका भाई और पति दोनों की दुःखद मौत हो गई है।
जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से हवाईदार असफाक अपने घर को पटाखे की अवैध गोदाम बनाने वाले हवाईदार असफाक की वजह से उसके भाई संदीप पटवा की मौके पर ही मौत हो गई और पति राजेश पटवा बुरी तरह झुलस गया था। घटना दिनांक- 02/04/2022 को रात लगभग साढ़े आठ बजे की थी। पीड़िता सरिता पटवा के पति का पहले प्रतापगढ़ के मेडिकल कालेज में इलाज किया गया, परन्तु हालत गंभीर देखकर उसके पति को प्रयागराज SRN रेफर कर दिया गया, जहाँ इलाज के दौरान कल दिनांक- 04/04/2022 को मौत हो गई है। पीड़िता सरिता पटवा के पिता किशोरी लाल पटवा पुत्र स्व. छोटेलाल पटवा की तहरीर पर कोहड़ौर थाना में अपराध संख्या-0076/2022 दिनांक-03/04/2022 को एक मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें उसके भाई संदीप पटवा की मौत से संबंधित FIR दर्ज की गई है, परन्तु उसके पति राजेश पटवा की मौत का मुकदमा कोहड़ौर थानाध्यक्ष बच्चालाल जी दर्ज नहीं कर रहे हैं। पीड़िता की बातों पर यकीन करें तो थानाध्यक्ष बच्चालाल अपनी गर्दन बचाने के चक्कर में पटाखे से हुई आगजनी के बाद उसके पति और भाई की मौत को एलपीजी सिलेंडर में लगी आगा की वजह से बताकर अपना दामन साफ रखकर स्वयं को बेदाग साबित करना चाहते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि थानाध्यक्ष बच्चालाल और समूचे ठाने के स्टाफ को इस बात की जानकारी थी कि ह्वाईदारों के घरों में पटाखों का अवैध भण्डारण हैं जो कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है।
जिला प्रशासन और पुलिस महकमा हर बड़ी सी बड़ी घटना और दुर्घटना को कुछ ही दिनों बाद भूल जाता है और पुनः मनमानी करने वालों को रिश्वत के दम पर कानून से कबड्डी खेलन की छूट दे देता है। शनिवार रात में हुए भीषण अग्निकाण्ड से जिला प्रशासन व पटाखा कारोबारियों को सबक लेना चाहिए, परंतु जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के लिए ऐसी घटनाएं आम बात हो चुकी हैं। जनपद प्रतापगढ़ में ही दर्जनों बार ऐसी घटनाएं घटित हुई हैं, परन्तु ही कुछ दिनों बाद पटाखा कारोबारी जनहानि को भी भुलाकर पुनः अपने घर को बारूद की ढेर पर खड़ा कर देते हैं। पटाखा कारोबार को लेकर यदि जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस सतर्क रहे तो ऐसा भयानक और दर्दनाक मंजर न देखने को मिले। सवाल उठता है कि कोहंड़ौर थाना से चंद कदम की दूरी पर बारूद का जखीरा गोदाम बनाकर रखा गया था और पुलिस को कानोंकान खबर ही नहीं थी। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं रहती, पुलिस को सारी जानकारी रहती है और पुलिस बदले में रिश्वत लेती है और चुप रहती है। पूरे प्रतापगढ़ में कई बाज़ारों में भारी मात्रा में पटाखों की गोदामें संचालित हो रही हैं और जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है। जनपद प्रतापगढ़ में आतिशबाजी के लिए कुल 165 लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया है। सच्चाई यह है कि सभी लाइसेंस होल्डर के लाइसेंस को इमानदारी के साथ चेक कर लिया जाए तो दुकान और गोदाम उसका एक होगा और तो और उसका घर ही दुकान और गोदाम दोनों के रूप में संचालित मिल जायेगी, जबकि सरकारी कागजात में दुकान और गोदाम अलग-अलग दर्ज रहती है।