छुट्टी न मिलने से नाराज सीआरपीएफ के जवान ने ठोड़ी के नीचे धड़ाधड़ गोलियां मारकर खुद का काम कर लिया तमाम
जोधपुर। छुट्टी न मिलने से नाराज सीआरपीएफ के जवान ने ठोड़ी के नीचे धड़ाधड़ गोलियां मारकर खुद का काम तमाम कर लिया। इस घटना को अंजाम देने से पहले सीआरपीएफ के जवान ने अफसरों के ऊपर दबाव बनाने के लिए अपनी पत्नी और बेटी को घर के भीतर ही तकरीबन डेढ़ दिन तक बंधक बनाए रखा। बाद में चार अफसरों के सामने खुद को गोली मारकर उसने अपनी जीवनलीला को समाप्त कर लिया। हालाकि लहूलुहान हुए जवान को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया है। जोधपुर के पालड़ी खिचियान स्थित सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर पर नरेश जाट का छुट्टी को लेकर डीआईजी भूपेंद्र सिंह के साथ विवाद हो गया था। छुट्टी न मिलने से नाराज नरेश जाट को समझा-बुझाकर सामान्य करने के लिए देर रात उसके परिजनों को पाली से बुलाया गया था। कमरें के भीतर बीवी और बच्चों के साथ बंद सीआरपीएफ के जवान ने आई जी के सामने ही सरेंडर करने की शर्त रखी थी। उधर जवान की मांग पर आईजी सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट से बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन बातचीत के बाद आई जी के सामने ही उसने खुद को गोली मारकर उड़ा दिया।
बताया जा रहा है कि घटना के समय नरेश जाट के पास आईएमएसएएस यानी लाइट गन मशीन मौजूद थी। नरेश ने अपनी मशीन गन से धड़ाधड़ कई राउंड फायरिंग की। खुद को गोली मारने की घटना को अंजाम देने से पहले छुट्टी न मिलने से नाराज सेना के जवान को बात आगे बढ़ने पर डीआईजी ने बर्खास्त करने की धमकी दे दी थी। इसी से गुस्साकर नरेश जाट ने एक अन्य जवान पर हमला करते हुए उसके हाथ में दांत काट लिया। इसके बाद जवान गुस्से में आकर अपने क्वार्टर के अंदर चला गया और भीतर से दरवाजा बंद कर लिया। उस समय उसकी पत्नी और 6 साल की बच्ची घर के भीतर मौजूद थी। इसके बाद जवान ने गैलरी में आकर लाइट मशीन गन से हवा में गोलियां चलानी शुरू कर दी। पुलिस कर्मियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर जब नरेश जाट के पास जाने की कोशिश की तो मशीन गन के आगे किसी की हिम्मत उसके पास जाने की नहीं हुई। यह घटना यह सिद्ध करती है कि वह बुरी तरह से डिप्रेशन में चला गया था, जिसे उसके अधिकारी भी न समझ सके और उसे डिप्रेशन से निकालने के बजाय उसे और डिप्रेशन में जाने के लिए मजबूर किया। जवान अपना मानसिक संतुलन खो बैठा और वह स्वयं को गोली से उड़ा लिया।