उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का कर्ज उतारने के लिए गुड्डू मुस्लिम ने खेला था खूनी खेल
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते 24 फरवरी को विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ दिन रात छापेमारी कर रही है। इस हत्याकांड को अंजाम देने में बाहुलबली अतीक अहमद के बेहद करीबी गुड्डू मुस्लिम का नाम भी सामने आया है। गुड्ड मुस्लिम बम बनाने में माहिर है और वो चलते-फिरते भी बम बना लेता है। उमेश पाल की हत्या के दौरान भी जमकर बमबाजी की गई थी, जिसमें बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम सामने आया है। अब रिपोर्ट सामने आई है कि अतीक अहमद का कर्ज चुकाने के लिए 24 फरवरी को गुड्डू मुस्लिम ने बमबाजी कर खूनी खेल खेला था। जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले गुड्डू मुस्लिम बीमार पड़ गया था और उसकी जान पर बन आई थी। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसकी जान बचाने के लिए अतीक अहमद ने उस वक्त 8 लाख रुपये खर्च किए थे जिसके बाद उसने उस एहसान को उतारने के लिए ही उमेश पाल की हत्या में बम बनाने का फैसला किया था।
गुड्डू मुस्लिम का अपराधिक इतिहास…
बमबाज गुड्डू मुस्लिम का अपराध और माफियों से संबंध का इतिहास काफी पुराना रहा है। साल-1997 में लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज में बॉयज हॉस्टल के वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पीटर गोम्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद अतीक अहमद ने ही उसकी जमानत कराई थी। जमानत के बाद गुड्डू अतीक का गुर्गा बन गया। अतीक के साथ ही गुड्डू के कई माफियाओं से संबंध रहे हैं। यूपी ही नहीं उसके तार बिहार के कई माफियाओं से भी जुड़े। यूपी की राजधानी लखनऊ में टेंडर दिलवाने में भी वो माफियाओं की मदद करता था। इतना ही नहीं बसपा सरकार के दौरान इंजीनियर हत्याकांड में भी गुड्डू मोस्टवॉन्टेड था।
राजू पाल के गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को हुई थी हत्या…
गौरतलब है कि बात है कि प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उसके खिलाफ प्रयागराज सहित अन्य जिलों में भी कई आपराधिक वारदातों में पहले से केस दर्ज हैं।