एसपी से मिला रिटायर्ड फौजियों का एक प्रतिनिधि मंडल, किया सामूहिक मांग कि दबंगो के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा दर्ज मुकदमें में जोड़ा जाए और उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा जाए
प्रतापगढ़। कभी-कभी छोटी सी बात भी बड़ी घटना को अंजाम दे जाती है। पिछले सप्ताह शनिवार को शाम छः बजे कोतवाली नगर के सदर बाजार मुहल्ले में रास्ते में खड़ी गाड़ी को हटाने को लेकर विवाद हो गया। कोई सोचा भी नहीं था कि विवाद इतना बढ़ जायेगा कि एक पक्ष के लोग मरणासन्न अवस्था में पहुँच जायेंगे। दोनों पक्ष सदर बाजार के ही रहने वाले हैं। एक पक्ष बनिया विरादरी से तो दूसरा पक्ष पूर्व सैनिक का परिवार है जो जनपद के कंधई थाना के ओझला गाँव से हैं और बेल्हा देवी मार्ग, सदर बाजार में अपना आवास बना रखा है।
सबसे खास पहलू यह है कि बेल्हा देवी मार्ग बहुत सकरा है और शुक्रवार व सोमवार को वहां दर्शनार्थी बड़ी तादात में दर्शन करने आते हैं। यदि उस दिन विवाद हुआ होता तब भी समझ में आता और दोनों एक ही मोहल्ले के हैं, फिर भी गाड़ी हटाने को लेकर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देना समझ के परे है। शनिवार शाम को जिस तरह मामूली सी बात पर जिस तरह मोहित, सोमिल, शोभित व प्रशांत ने एक VRS प्राप्त सैनिक को अपना निशाना बनाया वह सभ्य समाज के लिए शोभा नहीं देता।
एक पूर्व सैनिक के साथ जानलेवा हमला सामान्य घटना नहीं हो सकती। फिर भी पीड़ित पक्ष की तहरीर पर कोतवाली नगर पुलिस दो दिन तक मुकदमा दर्ज करना उचित नहीं समझा। पुलिस कार्यवाही करने में हिला-हवाली करती रही। घटना दिनांक- 15/7/2023 की है। दो दिन तक घायल रिटायर्ड फौजी प्रतपगढ़ मेडिकल कॉलेज में अपना इलाज करवाता रहा। सिर में चोट लगने की वजह से प्रतापगढ़ के चिकित्सकों ने पूर्व सैनिक राजीव सिंह को SRN हॉस्पिटल प्रयागराज सिटी स्कैन सहित न्यूरो की समस्या के मद्देनजर रेफर किया था।
इस बीच घायल पूर्व सैनिक राजीव सिंह के सगे भाई सुनील सिंह की तहरीर पर घटना के दो दिन बाद पड़ोस के ही मोहित, सोमिल, शोभित व प्रशांत पर कोतवाली नगर में अपराध संख्या-0441/2023 पंजीकृत कर लिया गया। तहरीर में आरोप है कि राजीव सिंह दवा लेने के लिए अपनी गाड़ी (थार) से बाज़ार के लिए निकल रहे थे कि पड़ोसी मोहित की गाड़ी रास्ते मे खड़ी थी, गाड़ी हटाने को लेकर ये घटना घटित हुई जो चिंताजनक है। मेडिकल होने के बाद भी कोतवाली नगर में दो दिनों तक FIR दर्ज नहीं किया गया। मेडिकल मोयना के बाद मुकदमा का न लिखा जाना समूचे पुलिस महकमें पर सवाल खड़ा कर दिया था। मुकदमें में जानलेवा हमले की धारा न जोड़ने के मसले पर नगर कोतवाल ने सफाई दिया है कि जब मेडिकल होने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाता है तो विवेचक मुकदमें में धारा मेडिकल मोयना के आधार पर बढ़ा लेता है।
वैसे तो पुलिस उस मुकदमें को बिना जाँच पड़ताल के ही दर्ज कर लेती है, जिसमें उसका इंटरेस्ट रहता है अथवा उस पर दबाव रहता है। परन्तु सामान्य तौर पर पुलिस आम आदमी का मुकदमा नहीं लिखती। कोतवाली नगर की पुलिस द्वारा दो दिन बाद मुकदमा तो दर्ज किया गया परन्तु उसमें तहरीर के मुताविक जानलेवा हमले की धारा शामिल नहीं की गई। आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दो दर्जन रिटायर्ड फौजियों और अधिवक्ता साथियों के साथ एसपी प्रतापगढ़ से राजीव सिंह मिले और अपना दर्द बयाँ किया। पुलिस अधीक्षक से रिटायर्ड फौजियों ने सामूहिक मांग किया है कि दबंगो के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा दर्ज मुकदमें में जोड़ा जाए और उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा जाए। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर खड़े नगर कोतवाल को एसपी प्रतापगढ़ तलब किये और मामले को स्वयं देखने का निर्देश दिया।
इतनी बड़ी वारदात होने पर तत्काल मुकदमा दर्ज न करना कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। यदि रिटायर्ड सेना के जवान पर दबंगो द्वारा इस कदर जानलेवा हमला किया गया तो समझिए उनके इरादे कितने खतरनाक रहे होंगे। योगीजी कहते हैं कि उनकी सरकार में पीड़ित पक्ष का मुकदमा लिखा जाता है। जबकि कोतवाली नगर प्रतापगढ़ में सबकुछ उल्टा दिखाई दिया। मीडिया में जब खबर प्रकाशित हुई तब पुलिस ने बताया कि संबंधित प्रकरण में थाना प्रभारी कोतवाली नगर को मामले की जांच/आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया हैं। संबंधित प्रकरण में थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया हैं, नियमानुसार अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित हैं। फिलहाल जिस तरह एक रिटायर्ड फौजी और उसके परिवार को घर में घुसकर मारने का दुःसाहस किया वह निंदनीय है।