प्रतापगढ़ के DHO दफ्तर में निलंबित उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद और सहायक कनिष्क अमीषा कुमारी के खिलाफ रची जा रही है,साजिश
उप निदेशक पंकज शुक्ल ने मीडिया के समक्ष किया था दावा कि जब तक चार्ज का लेना-देना नहीं हो जाता, तब तक DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा के बगल उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद के कमरे को बंद कर चाभी वह स्वयं लेकर चले जायेंगे,ताकि अभिलेख सुरक्षित रहे…
प्रतापगढ़। जिला उद्यान विभाग कुरुक्षेत्र बन चुका है। ईंट भट्ठे में अवैध वसूली के बाद से DHO दफ्तर में हर दिन बवाल मचा हुआ है। इंस्पेक्टर पद से प्रमोशन पाकर DHO बनी सीमा सिंह राणा अपनी बुद्धि विवेक से अपना कार्य न कर अपने शिक्षक पति उमेश सिंह राणा के इशारे पर काम कर रही हैं। वास्तव में अफसर बीबी का शिक्षक पति बहुत ही शातिर व चालाक है। इन दिनों जब मामला गर्म हुआ और उसके आने जाने का DHO दफ्तर में विरोध शुरू हुआ तो वह स्वयं DHO दफ्तर आना बंद कर दिया और मैडम की सुरक्षा में ठेकेदार कम बाउंसर के तौर पर अनूप सिंह को DHO दफ्तर की रखवाली देकर स्वयं हर गतिविधि पर मोबाइल फोन के जरिये नजर रख रहा है।
दो दिन पहले DHO दफ्तर पहुंची मंडलीय जांच टीम आई तो सुनियोचित तरीके से जांच टीम के समक्ष DHO दफ्तर के वह स्टाफ जो करोड़ों रूपये के घपले घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, वह एक-एक करके जांच टीम के समक्ष उपस्थित हुए, वह सब रटाये हुए तोते की तरह उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद और और कनिष्ठ लिपिक अमीषा कुमारी के खिलाफ जहर उगल रहे थे। जबकि कुछ दिनों पूर्व तक DHO दफ्तर का आल इन वन बाबू नौशाद अहमद ही सारा कार्य निपटा रहा था। जांच टीम जो DHO दफ्तर आई थी, उस पर भी आरोप लग रहे थे कि जांच टीम के मुखिया उप निदेशक, उद्यान विभाग पंकज शुक्ल का गृह जनपद प्रतापगढ़ है और वह नियम विरुद्ध तरीके से मिर्जापुर मंडल के साथ प्रयागराज मंडल का अतिरिक्त चार्ज लिए हैं। अपने गृह जनपद में किसी उप निदेशक की तैनाती नहीं हो सकती, जांच अधिकारी बनना विधि विरुद्ध है।
जांच टीम के सामने साजिशन निलंबित किया गया बाबू नौशाद अहमद उपस्थित नहीं हुआ और वह मेडिकल अवकाश पर था। लगभग 6 करोड़ के विभागीय घोटाले की शिकायत करने वाली साफिया बेगम ने दिनांक- 27/05/2022 व दिनांक-02/06/2022 को अपना बयान जरिये ईमेल प्रेषित की थी। उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद और कनिष्ठ लिपिक अमीषा जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में जांच टीम के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके, वजह मेडिकल अवकाश पर होना बताया गया। उप निदेशक पंकज शुक्ल ने जांच में सहयोग करने के लिए उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद और कनिष्ठ लिपिक अमीषा को 7 जून को जांच टीम के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया और मंडल प्रयागराज वापस चले गए। उस दिन कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी एवं संरक्षक भी उप निदेशक पंकज शुक्ल से मिले थे।
राज्य महिला आयोग, उ प्र के समक्ष कनिष्ठ लिपिक अमीषा की माँ ने शिकायत किया है कि उनकी बेटी के साथ DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा और उनके शिक्षक पति उमेश सिंह राणा देर शाम तक DHO दफ्तर में रोककर उसके जेम पोर्टल का पासवर्ड आदि लेकर मानसिक, शारीरिक शोषण करते हैं और जाति सूचक गालियां देते हैं। अभी इसकी जांच चल ही रही थी कि नियमों को ताख पर रखकर बदले की भावना से अधिकारी-अधिकारी एक राय होकर कनिष्ठ लिपिक अमीषा को मंडल कार्यालय प्रयागराज में अटैच करने का आदेश जारी कर दिया गया। इसके पहले DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा ने अपने उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद को बैकडेटिंग करते हुए उस दिन निलंबित कर दिया जब वह उप निदेशक, मंडल कार्यालय गई हुई थी। सारे निर्णय दबाव में लिए जा रहे हैं। जबकि नीतिगत निर्णय स्वत्रंत होकर लिए जाते हैं, न कि किसी के दबाव में लिए जाते हैं।
जिला उद्यान विभाग में कर्मचारियों के वेतन बनाने को लेकर उप निदेशक पंकज शुक्ल और कर्मचारी संगठन के कहने पर आज निलंबित उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद और मंडल कार्यालय अटैच हुई अमीषा कुमारी आज दोपहर में DHO दफ्तर पहुँची तो उन पर एक योजना के तहत DHO दफ्तर में DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा के खास कर्मचारियों ने आरोप लगाना शुरू किया कि उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद और कनिष्ठ लिपिक अमीषा कुमारी कार्यालय से जबरन जरूरी अभिलेख लेकर चले गए। जबकि चार्ज देने के लिए DHO दफ्तर पहुंचे उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद ने कहा कि मीडिया के कुछ लोग जो व्हाट्सएप पर खबर लिखकर सनसनी फैलाते हैं, वह DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा के इशारे पर उनके पक्ष में खबर लिखकर उनके द्वारा किये गए करोड़ों रूपये के घोटाले की खबर को दबाने के लिए ऐसा आरोप लगाकर सोशल मीडिया में बदनाम किया जा रहा है। उर्दू अनुवादक नौशाद अहमद के अनुसार उन्होंने कोई दस्तावेज DHO दफ्तर से बाहर नहीं लेकर आये हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां ऐसा कोई माहौल नहीं दिखा।