मायके में युवती ने हाथ की नश काटकर खाया जहर हुई मौत
बांदा। रोडवेज क्षेत्रीय कार्यशाला में स्टोर कीपर की बेटी ने अपने हाथ की नस काटकर जहर खा लिया। परिजनों ने उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वह डेढ़ साल से अपने मायके में रह रही थी। पिता ने ससुरालियों पर दहेज में तीन लाख रुपया व बाइक मांगने का आरोप लगाया है। उधर, ससुर ने आरोपों को गलत ठहराते हुए मायके पक्ष पर बेटी को ससुराल न भेजने का आरोप मढ़ा है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के कालूकुआं मोहल्ला निवासी आराधना (28) ने अपने घर में शनिवार की देर शाम अपने हाथ की कलाई की नस काटकर जहर खा लिया। पिता व अन्य परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां से उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। यहां इलाज के दौरान उसने देर शाम ही दम तोड़ दिया।
पिता उमाशंकर चौरसिया ने बताया कि आराधना की शादी हमीरपुर जिले के राठ कस्बे के सिकंदरापुरा मोहल्ला निवासी सौरभ चौरसिया के साथ दिसंबर साल-2022 में की थी। उनका आरोप है कि लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व पति सौरभ अपनी पत्नी आराधना को रोडवेज बस स्टैंड छोड़ गया था। वहां से बेटी घर पहुंची थी। घर में बेटी ने बताया था कि ससुरालियों ने जेवर छीन लिए हैं।
उनका आरोप है कि ससुरालियों के दहेज के लिए प्रताड़ित करने और मायके छोड़ जाने से परेशान होकर आराधना ने शनिवार की शाम यह आत्मघाती कदम उठाया है। पिता ने बताया कि आराधना पांच बहनों में दूसरे नंबर की थी। बीएड के बाद एमएससी कर रही थी। उसका यह अंतिम वर्ष था। पिता ने बताया कि ससुरालियों ने मुकदमा कर दिया था। मामला हमीरपुर कोर्ट में विचाराधीन है। 17 फरवरी को तारीख लगी थी।
उधर, राठ से आए ससुर रामप्रकाश चौरसिया ने बताया कि शादी के बाद आराधना ससुराल में रुकती नहीं थी। डेढ़ साल से मायके पक्ष उसे भेज नहीं रहे थे। उन्होंने हमीरपुर कोर्ट में कारण जानने के लिए वाद दायर किया था। शहर कोतवाल पंकज सिंह ने बताया कि घरेलू वजहों से उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।