एक मां का दर्द: कपड़ा कारोबारी के बेटे कुशाग्र की हत्या के बाद बेटे को याद कर बोली मां, मेरे बेटे को आखिर मारा कियुं, 30 लाख नहीं तीन करोड़ रुपये दे देते
कानपुर। कुशाग्र हत्याकांड के बाद कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया का परिवार बिखर सा गया है। कुशाग्र की मां सोनिया गुमसुम, बदहवास हैं। बार-बार कहती हैं कि 30 लाख नहीं तीन करोड़ दे देते, चाहे घर-बार, जेवरात सब बेचना पड़ जाता लेकिन मेरे कुश को मारा क्यों। बार-बार कहकर मां बेहोश हो जा रही हैं। कुशाग्र के पिता मनीष और छोटा भाई आदित्य भी फफक पड़ते हैं। पूरा परिवार एक ही कमरे में सिमट गया है। घर में इंट्री करते ही कमरे में चाचा संजय क्रिया पर बैठे और उसके आस पास ही परिवार के लोग बैठे दिखे। सामने के कमरों में घर की महिलाएं भी मौजूद थीं। लोगों का आना जाना लगा हुआ था।
रह-रहकर सुबकने और रोने की आवाज…
आचार्य नगर के भगवती विला अपार्टमेंट निवासी कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 साल के बेटे कुशाग्र की 31 अक्तूबर को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के बाद से मां सोनिया सदमे में हैं। बार-बार यही कहकर बेहोश हो जाती हैं कि मेरे कुश को मारा क्यों रचिता, तुमने मेरे और मेरे परिवार के विश्वास का गला घोंटा है। वहीं, पिता मनीष कनोडिया को लग रहा है कि वो अगर कानपुर में होते तो शायद बेटे के साथ ऐसा नहीं होता। मनीष बहुत कम बात करते दिखाई दिए। अन्य परिजनों की रह रहकर सुबकने और रोने की आवाज चुप्पी तोड़ देती है।
सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग…
परिजनों ने घर पहुंचे पुलिस अधिकारियों से रचिता, आर्यन और प्रभात को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है। साथ ही ये भी कहा है कि इस सनसनीखेज वारदात में और लोग भी शामिल हो सकते है, लिहाजा जांच ठीक से की जाए।