पुणे हादसे में आरोपी का कबूलनामा, डॉक्टर तावड़े ने डाला था दबाव, उनके कहने पर ही बदला ब्लड
महाराष्ट्र के पुणे में 19 मई को हुए भीषण सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में रोजाना नए खुलासे कर रही है। जांच में जुटी पुलिस की टीम ने मामले में 2 डॉक्टर और एक पुलिस कांस्टेबल को नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनमें एक डॉक्टर ने पुलिस के सामने यह बात कबूली है कि जांच के दौरान ब्लड सैंपल उन्होंने ही बदला था।
इस मामले में पुलिस का कहना था कि 19 मई की सुबह ससून अस्पताल में नाबालिग के खून का जो सैंपल लिया गया, उसे कूड़ेदान में फेंक दिया गया था। नाबालिग की जगह किसी दूसरे व्यक्ति के ब्लड का सैंपल लेकर उसे फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया था। पुलिस के मुताबिक डॉ. श्रीहरि हल्नोर ने ही नाबालिग के जांच के नमूने को बदला था।
किया था गिरफ्तार
जांच में जुटी पुलिस की टीम ने ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ के आरोप में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. अजय तावड़े और ससून अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हल्नोर और कॉन्स्टेबल घाटकांबले को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, दोनों डॉक्टरों को अस्पताल से भी सस्पेंड कर दिया गया।
डॉक्टर ने कबूला सच
डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर के मुताबिक, डॉ. अजय तावड़े ने उन पर ब्लड सैंपल बदलने के लिए दवाब डाला था। वह इस बात से अहसत थे। लेकिन न चाहकर भी उन्हें यह करना पड़ा। हल्नोर को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने कहा कि उनसे गलती हो गई।
मिली थी क्लीन चिट
एफआईआर रजिस्टर होने के बाद जब नाबालिग को फिजिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इस दौरान डॉक्टर ने उसे क्लीन चिट दे दी थी कि वह शराब के नशे में नहीं था। इस दौरान उसके शरीर पर एक्सीडेंट से हुई किसी चोट के निशान नहीं मिले। जबकि आरोपी को लोगों ने पकड़कर मौकाए वारदात पर ही पीट दिया था,जो कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट में आना चाहिए था।