एससी से राहत के बाद अफजाल अंसारी ने चुनाव लड़ने की भरी हुंकार,कहा- मैं दूसरी मिट्टी का बना हूं
गाजीपुर। सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी का पहला बयान सामने आया है। अफजाल ने कहा कि 2019 के बाद एक दिन भी सरकार ने चैन की रोटी खाने नहीं दी। जनता का अभूतपूर्व समर्थन और ऊपर वाले की कृपा है कि मैं जीवित हूं। मेरी जगह कोई दूसरा होता तो हतोत्साहित होकर प्राण त्याग देता। मैं दूसरी मिट्टी का बना हूं। अत्याचार और जुल्म के बल पर मुझे हराया नहीं जा सकता। अब मैं चुनाव लड़ने के योग्य हो चुका हूं और चुनाव लड़ने की इच्छा भी है।
मनोज सिन्हा से मुकाबला हुआ तो गणना कराने तक नहीं आयेंगे…
अफजाल अंसारी ने कहा कि मैं 10 चुनाव लड़ चुका हूं। 2004 में समाजवादी पार्टी से और 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ चुका हूं।अगर आमने-सामने मनोज सिन्हा से लड़ाई हुई तो वो मतगणना कराने तक नहीं आयेंगे। अफजाल ने कहा कि 2019 के बाद चुनाव के बाद जो घटनाक्रम है, जनता सब देख रही है। मेरा हौसला तोड़ने के लिए मुझे हर तरह से बर्बाद किया गया। मेरी खड़ी फसलों को बर्बाद किया गया। परिवार के सदस्यों को झूठे मुकदमे में फंसाया गया। हमारे विरुद्ध एक ऐसा मुकदमा लगाया गया, जिसमें मूल मुकदमे में मुझे बरी कर दिया गया था और गैंगेस्टर मामले में सजा दी गई।
मेरी 4 साल की सजा एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा…
अफजाल अंसारी ने कहा कि मेरे 4 साल की सजा का फैसला एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा था। वो अंतिम सत्य नहीं था। सजा हुई, मैं जेल गया और लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया और चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया गया। अफजाल ने कहा कि जब हम अपील करने गए तो उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की बात सुनकर मुझे जमानत दे दी।
सुप्रीम कोर्ट से राहत पर बोले अफजाल अंसारी…
अफजाल अंसारी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सजा निलंबित नहीं की तो उसकी अपील में हम सर्वोच्च न्यायालय गए। सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ सजा के आदेश को निलंबित कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अब मैं चुनाव लड़ने के अयोग्य नहीं हूं। अफजाल ने कहा कि 11 जनवरी को लोकसभा के स्पीकर ने अधिसूचना जारी करके अब मेरी संसद सदस्यता सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार शर्तों के साथ बहाल कर दी है। अब मैं चुनाव लड़ने के योग्य हूं। शर्तों के अनुसार मैं सदन की डिबेट में शमिल होकर मतदान नहीं कर सकता।