चर्चित भेलूपुर लूटकांड के मुख्य सूत्रधार सारनाथ थाना क्षेत्र के तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा को वाराणसी क्राइम ब्रांच की टीम ने लखनऊ से किया गिरफ्तार
भेलूपुर थाना क्षेत्र के 1.40 करोड़ रुपये की डकैती के प्रकरण में मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा उर्फ गुरूजी को पुलिस ने शनिवार की रात लखनऊ में दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे वाराणसी लेकर आ रही है। इससे पहले केस में चार आरोपी जेल जा चुके हैं और अजीत मिश्रा की कुर्की समेत इनाम घोषित होना था। बर्खास्त इंस्पेक्टर रमाकांत दूबे सहित सात पुलिसकर्मियों की भी गिरफ्तारी की तैयारी है।
29 मई को 1.40 करोड़ की डकैती और फिर 30 मई की रात लावारिस कार में नोटों की बरामदगी में मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। सात पुलिसकर्मियों समेत डकैती और नगदी ठिकाने लगाने के शातिर तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा अजीत मिश्रा को पुलिस ने दबोच लिया। इस केस में 12 अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ भेलूपुर थाने में डकैती सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। लापरवाही में तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दूबे सहित सात पुलिस कर्मी बर्खास्त कर दिए गए थे। इससे पहले चार आरोपियों को गिरफ्तार की गई है, मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा के लिए पुलिस ने लखनऊ में दबिश दी और गिरफ्तार कर लिया।
अजीत के खिलाफ जारी हो चुका था NBW, 4 को जेल…
1.40 करोड़ की डकैती और फिर नोटों की हेराफेरी में बर्खास्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच जारी है। मुख्य आरोपी तिलमापुर (सारनाथ) निवासी अजीत मिश्रा ‘गुरुजी के खिलाफ कोर्ट पहले ही गैर जमानती वारंट (NBW) जारी कर चुकी थी। भेलूपुर के बैजनत्था में डकैती के प्रकरण में 5 जून को भेलूपुर थाने में अजीत मिश्र समेत अन्य 12 अज्ञात पर डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था। नवलपुर निवासी सच्चिदानंद उर्फ मंटू राय, शिवकुटी (प्रयागराज) के सलोरी निवासी घनश्याम मिश्रा, कादीपुर (सुल्तानपुर) थाना क्षेत्र के बुढ़ाना निवासी प्रदीप पांडेय, रानीगंज (प्रतापगढ़) थाना क्षेत्र के मो. वसीम को जेल भेजा गया है।
अजीत के वायरल ऑडियो में CO भेलूपुर और ADCP के नाम…
अमिताभ ठाकुर की ओर से पिछले दिनों वायरल ऑडियो में अजीत मिश्रा पैसे के शीघ्र बरामद होने की बात कह रही थी और 49-50 लाख की बरामदगी की बात सुनी गई। जबकि पुलिस के अफसर कह रहे हैं कि सीओ साहब इस मामले में विशेष रूचि ले रहे हैं। सीओ साहब हम लोगों को नहीं छोड़ेंगे, वे इस मामले में लगातार लगे हुए हैं। अजीत मिश्रा यह कह रहे हैं कि सीओ साहब सेटलमेंट वाले हैं तो उन्होंने क्यों नहीं सेटलमेंट कर लिया। ऑडियो में पुलिस के अफसर कह रहे हैं सीओ साहब यह चाहते हैं कि सारा पैसा उन्हें मिल जाए, वे मालामाल हो जाएं, बाकी किसी को कुछ मिले या ना मिले। यह भी कह रहे हैं कि अब वे हम लोगों का नुकसान भी करेंगे। इसी बातचीत में एक पुलिसकर्मी कह रहा है कि ADCP साहब को बता दिया जाए कि 11 बजे तक पैसा हर हाल में आ जाएगा ।
5 दिन बाद लूट का मामला दर्ज, 6 दिन पहले बरामदगी…
पुलिस के अभिलेखों में 5 जून को लूट की घटना दर्ज हुई। वहीं उससे 6 दिन पहले ही पुलिस ने बरामदगी कर ली। 92 लाख रुपए 30 मई को लावारिस बताकर बंटवारा करना चाहा लेकिन किरकिरी पर 4 जून को अपने ऑफिस में 1 करोड़ 40 लाख की डकैती की FIR दर्ज कराई थी और डकैती की तारीख 29 मई की बताई गई। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में थाना प्रभारी सहित 7 पुलिसकर्मी को पहले लाइन हाजिर, फिर निलंबित और फिर नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
लूट के बाद ऐसा था नोटों की हेराफेरी का घटनाक्रम…
शंकुलधारा पोखरे के पास 30 मई को एक कार की डिगी में बोरे को खोलने पर उसमें रुपए बरामद हुए थे। थाने लाकर कैश की गिनती में 92 लाख 94 हजार 600 रुपए मिले। नोटों की बरामदगी की बात फैल गई। जांच में कहानी कुछ और ही सामने आई। DCP काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में ही स्पष्ट हुआ कि पूरे प्रकरण में लाइन हाजिर इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे के अलावा तीन दरोगा और तीन सिपाही शामिल हैं। अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने रिपोर्ट के आधार पर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, SI सुशील कुमार, SI महेश कुमार, SI उत्कर्ष चतुर्वेदी, कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को निलंबित किया था। शनिवार को पुलिस आयुक्त की कार्रवाई के बाद सातों पुलिसकर्मियों को उप्र पुलिस सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया था।
ये हैं भेलूपुर डकैती के आरोपी…
अजीत मिश्रा, जगदीश कुमार पटेल, अनुभव पांडेय उर्फ सागर, सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू, घनश्याम मिश्रा, प्रदीप पांडेय व मोहम्मद वसीम खान। तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व दरोगा उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र।