अंधेर नगरी चौपट्ट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाज की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं, नगर पालिका अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह
प्रतापगढ़। जब राजा निरंकुश और तानाशाह हो जाय तो मान लेना चाहिए कि उसका समय अति निकट आ गया है। होली का त्योहार हुड़दंगई का माना गया है और इस त्योहार पर लोग जमकर मौज मस्ती करते हैं। परन्तु इस बार प्रतापगढ़ के शहर में ट्रेजरी चौराहे के सामने या यूं कहें कि जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन के नाक के नीचे होली के शुभ अवसर पर नगर वासियों को नगरपालिका अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह ने इस बार ऐसी सौगात दिया है कि लोग अपने घर से सड़क पर निकलने के लिए परेशान हैं। होली का त्योहार मनाना तो दूर की बात हुई कि क्योंकि उनके सामने नाला निर्माण के लिए नगरपालिका अध्यक्ष के चहेते ठेकेदार गोविन्द खंडेलवाल महोदय ने एक माह से खुदाई करके घर के सामने नाले का सिल्ट निकाल कर वहीं रख दिया है।
ट्रेजरी चौराहे पर सिल्ट निकाल कर महीनों से रखने के पीछे लोकसभा चुनाव-2024 में भाजपा वोटर को परेशान करने की कहीं ये चाल तो नहीं
नगरपालिका प्रशासन से जब दुकानदारों ने होली त्योहार की दुहाई देते हुए सिल्ट को हटाने की फरियाद की तो जवाब मिला कि ये कार्य ठेकेदार का है। ये सिल्ट वही हटायेगा। मानवता की सारे हदें पार करते हुए नगरपालिका प्रशासन प्रतापगढ़ होली जैसे त्योहार पर दुकानदारों को दो पैसा कमाने में खलल पैदा किये हैं। जबकि हरि प्रताप सिंह कहते हैं कि उन्हें नगरपालिका संचालित करने का 28 साल पुराना अनुभव है। आप सब भी दिखिये हरि प्रताप सिंह का सवा दो दशक पुराना अनुभव। शहर की दशा देखकर रोना आता है कि सरकार इतना बजट नगरपालिका प्रतापगढ़ को देती है और नगरपालिका अध्यक्ष उसे कहाँ खर्च डालते हैं जो नगर की दशा जस की तस बनी हुई है।
नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह के 28 वर्षों के तजुर्बे का ये नमूना देखकर लगता है कि प्रतापगढ़ शहर आज भी थर्ड क्लास के जिले में क्यों शामिल है ?
शहर की जनता भी वैसे है जो इन्हें छः बार से नपाध्यक्ष की कुर्सी पर बिठा रही है। कलेक्ट्रेट के सामने ट्रेजरी चौराहे से कटरा रोड पर पहली बार नाला निर्माण कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य रिपेयरिंग का हो रहा है। नगरपालिका का कार्य हो और बिना कमीशन दिए सम्पन्न हो। ऐसा हो ही नहीं सकता। नाला निर्माण की रिपेयरिंग का कार्य मानक और गुणवत्ता को दरकिनार करके कराया जा रहा है। नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह का पेट पता नहीं कितना बड़ा है कि वह पैसे से भर ही नहीं रहा। पैसे की हबस उन्हें इंसान से शैतान बना दिया है। साल-1995 से नगरपालिका कोष को लूट कर नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह अरबपतियों की सूची में शामिल हो चुके हैं, परन्तु मोदी जी इनके यहाँ ईडी का छापा नहीं डलवाते, क्योंकि ये अपनी पार्टी के भ्रष्ट नेता हैं।
भाजपा के भ्रष्टतम नेताओं में हरि प्रताप सिंह का नाम आता है, परन्तु मोदी जी इनके यहाँ ईडी का छापा नहीं डलवाते, क्योंकि ये अपनी पार्टी के भ्रष्ट नेता हैं
नगर की प्रमुख सड़क जिस पर प्रयागराज और जौनपुर की तरफ से बसे और ट्रके आती हैं। साथ ही कटरा रोड और मीराभवन सहित सदर मोड़ से भी जो वाहन आते हैं, वह इसी सड़क से होकर गुजरते हैं। परन्तु इस सड़क पर बड़ा सा पत्थर उखाड़ कर रख दिया गया है। होली के त्योहार पर यदि किसी की दुर्घटना होती है और कोई अनहोनी हो जाती है तो इसका जवाबदेही किसके सिर होनी चाहिये। किसी की जान की कीमत नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह के लिए एक मच्छर के समान है। तभी तो उनके राज में पत्थर को सड़क पर रखकर किसी बड़ी दुर्घटना के लिए छोड़ दिया गया है। लोग मरते हैं तो मरे, परन्तु नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता।
जिलाधिकारी के नाक के नीचे हो रहे इस कृत्य से जिला प्रशासन की कट रही है, नाक और जनपद की सम्पूर्ण ब्यवस्था पर उठा रहे हैं, सवाल
जब डीएम के नाक के नीचे ऐसी दशा है और डीएम साहेब उसका संज्ञान नहीं ले रहे हैं तो पूरे जिले की ब्यवस्था की वास्तविक दशा क्या होगी ? ये समझा जा सकता है। ट्रेजरी चौराहे पर नब्बे फीसदी गुप्ता विरादरी के लोग रहते हैं और वह भाजपा वोटर हैं, नगरपालिका के चुनाव में नगरपालिका अध्यक्ष चाहते हैं कि सारे वोट उनकी झोली में आये, परन्तु विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वह नहीं चाहते कि भाजपा का वोट भाजपा उम्मीदवार को मिले। लोकसभा चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार डॉ एसपी सिंह पटेल से अधिक नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह की इच्छा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता चुनाव हार जाए और ट्रेजरी चौराहे के गुप्ता विरादरी भी आजिज आकर भाजपा को वोट न दे।