गाजियाबाद सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान, BJP के गढ़ में क्या इतिहास दोहरा पाएगी सपा
उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद गाजियाबाद विधानसभा सीट पर हलचल तेज हो गई है। गाजियाबाद सीट भी उन दस सीटों में शामिल हैं जिस पर उपचुनाव होना है। इस सीट पर बीजेपी का खासा प्रभाव रहा है। यहां से भाजपा के अतुल गर्ग विधायक थे। लेकिन उनके सांसद बनने के बाद गाजियाबाद सीट खाली हो गई, जिसके बाद यहां उपचुनाव हो रहे है। इस सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग और 23 नवंबर को काउंटिंग है।
गाजियाबाद सीट पर 20 साल बाद उपचुनाव हो रहा है। तब सपा ने ये उपचुनाव जीता था. लेकिन तब से यहां की सियासत बहुत हद तक बदल चुकी है। इस सीट पर बीजेपी पहले के मुकाबले काफी मजबूत हुई है। पिछले 20 सालों में सपा यहां से चुनाव जीत नहीं पाई है। साल 1991 के बाद से गाजियाबाद सीट पर 6 बार बीजेपी, एक बार कांग्रेस, एक बार सपा और एक बार बसपा चुनाव जीत पाई है।
इंडिया गठबंधन देगा कड़ी टक्कर!
2024 के चुनाव में सपा और कांग्रेस गठबंधन ने गाजियाबाद लोकसभा सीट पर मिलकर चुनाव लड़ा था और बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा ने पांच लाख वोट हासिल किए थे। इस बार भी इंडिया गठबंधन बीजेपी को चुनौती देने की कोशिश करेगा। वहीं बीजेपी में भी प्रत्याशियों की लंबी लिस्ट है।
गाजियाबाद सीट पर 80 हजार दलित, 55 हजार ब्राह्मण, 45 हजार पिछड़े, 35 हजार वैश्य, 35 हजार मुस्लिम और 25 हजार ठाकुर मतदाता है
उधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी इन सभी जगह अकेले ही चुनाव लड़ेगी। भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा आज महाराष्ट्र तथा झारखंड के विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश विधानसभा की रिक्त 10 सीट में नौ के लिए उप चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई। बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘भारत निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की आज की गई घोषणा का स्वागत.’ उन्होंने कहा, ‘चुनाव जितना कम समय में तथा जितना पाक-साफ हो उतना ही बेहतर, जिसका पूरा दारोमदार निर्वाचन आयोग पर ही है।’